Agroforestry: किसानों को करोड़पति बना सकता है यह पेड़, जानें इसकी खेती का पूरा गणित

Agroforestry: किसानों को करोड़पति बना सकता है यह पेड़, जानें इसकी खेती का पूरा गणित

अगर किसान 10 से 15 एकड़ जमीन में वैज्ञानिक तरीके से यूकेलिप्टस की खेती करते हैं, तो 4 से 5 साल में पेड़ कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. एक एकड़ में औसतन 400 से 450 पेड़ लगाए जा सकते हैं. बाजार में एक पेड़ की कीमत उसकी मोटाई और लंबाई के हिसाब से 800 से 3000 रुपये तक मिल जाती है. इस हिसाब से बड़े स्तर पर खेती करने पर कुल आमदनी 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.

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Agroforestry: किसानों को करोड़पति बना सकता है यह पेड़, जानें इसकी खेती का पूरा गणित

खेती में अगर कम मेहनत, कम देखभाल और लंबे समय तक स्थिर आमदनी की बात हो, तो यूकेलिप्टस का नाम सबसे पहले लिया जाता है. यह एक ऐसा पेड़ है, जिसकी मांग कागज उद्योग, प्लाईवुड, फर्नीचर और बायोएनर्जी सेक्टर में लगातार बनी रहती है. सही प्लानिंग और बड़े स्तर पर खेती की जाए, तो किसान यूकेलिप्टस से करोड़ों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. यूकेलिप्टस एक तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है. यह कम पानी में भी अच्छी ग्रोथ करता है और खराब से खराब मिट्टी में भी उग सकता है. यही वजह है कि कई राज्यों में किसान इसे सीमांत जमीन या खाली पड़ी भूमि पर लगाकर अतिरिक्त आमदनी कमा रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती.

कितनी जमीन में कितनी कमाई

अगर किसान 10 से 15 एकड़ जमीन में वैज्ञानिक तरीके से यूकेलिप्टस की खेती करते हैं, तो 4 से 5 साल में पेड़ कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. एक एकड़ में औसतन 400 से 450 पेड़ लगाए जा सकते हैं. बाजार में एक पेड़ की कीमत उसकी मोटाई और लंबाई के हिसाब से 800 से 3000 रुपये तक मिल जाती है. इस हिसाब से बड़े स्तर पर खेती करने पर कुल आमदनी 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. यूकेलिप्टस के लिए हल्की दोमट से लेकर मध्यम काली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. जल निकास अच्छा होना चाहिए. यह पेड़ गर्म और शुष्क जलवायु में तेजी से बढ़ता है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर हो रही है.

कैसे करें शुरुआत  का सही तरीका

खेती के लिए प्रमाणित नर्सरी से हाईब्रिड या क्लोन पौधे लेने चाहिए. खेत की गहरी जुताई के बाद 10×10 फीट या 12×12 फीट की दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं. शुरुआती एक साल तक सिंचाई और निराई जरूरी होती है. इसके बाद पेड़ अपने आप तेजी से बढ़ने लगता है. यूकेलिप्टस की खेती में शुरुआती खर्च अपेक्षाकृत कम होता है. एक एकड़ में पौधे, मजदूरी और सिंचाई मिलाकर लगभग 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आता है. इसके मुकाबले 4–5 साल बाद एक एकड़ से 8 से 12 लाख रुपये तक की आमदनी संभव है. यही वजह है कि इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट वाली खेती भी कहा जाता है.

उद्योगों में लगातार मांग

कागज मिल, प्लाईवुड फैक्ट्री, फर्नीचर उद्योग और बायोमास प्लांट यूकेलिप्टस के बड़े खरीदार हैं. कई कंपनियां किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी करती हैं, जिससे मार्केट की चिंता नहीं रहती. कम जोखिम, कम मेहनत और ज्यादा रिटर्न की वजह से यूकेलिप्टस की खेती आज किसानों के लिए एक मजबूत विकल्प बनती जा रही है. अगर सही जानकारी और प्लानिंग के साथ इसकी खेती की जाए, तो यह एक पेड़ सच में किसानों की किस्मत बदल सकता है. 

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