2027 तक 11 करोड़ किसानों की बनेगी फार्मर आईडी, इन राज्यों में तेजी से बढ़ा काम

2027 तक 11 करोड़ किसानों की बनेगी फार्मर आईडी, इन राज्यों में तेजी से बढ़ा काम

कृषि मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में, खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण (डीसीएस) को बढ़ावा देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. यह डिजिटल फसल सर्वेक्षण किसानों के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी और खेती के काम में सुधार होगा.

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2027 तक 11 करोड़ किसानों की बनेगी फार्मर आईडी, इन राज्यों में तेजी से बढ़ा कामफार्मर आईडी किसानों के लिए क्यों है जरूरी

भारत सरकार ने 2027 तक देश के 11 करोड़ किसानों के लिए फार्मर आईडी यानी डिजिटल पहचान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 में किसानों की रजिस्ट्री करवाने की अपनी दो प्रमुख पहलों के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय से विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) को बढ़ाने और इसके बजट को दोगुना करके 10,000 करोड़ रुपये करने की मांग की है. यह कदम कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने और किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.

कृषि मंत्रालय ने मांगे 2,000 करोड़ रुपये 

कृषि मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में, खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) को बढ़ावा देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. यह डिजिटल फसल सर्वेक्षण किसानों के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी और खेती के काम में सुधार होगा.

इसके अलावा, सरकार ने 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके तहत 6 करोड़ किसानों को वित्त वर्ष 2024-25 में, 3 करोड़ को वित्त वर्ष 2025-26 में और 2 करोड़ किसानों को वित्त वर्ष 2026-27 में डिजिटल पहचान मिलेगी. यह योजना किसानों की रजिस्ट्री को आसान करने और भूमि से जुड़ी समस्याओं को हल करने में सहायक होगी. 

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6 करोड़ किसानों की आईडी बनाने का लक्ष्य

कृषि मंत्रालय का मकसद इस साल मार्च तक 6 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाना है. इसके लिए, केंद्रीय वित्त मंत्रालय से एससीए सहायता जारी रखने की बात की है, ताकि योजना का लाभ किसानों को मिल सके. इसके अलावा, वित्त मंत्रालय की ओर से पहले ही 9 अगस्त 2024 को 'पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2024-25' के तहत गाइडलाइन जारी किए गए हैं. इस योजना के तहत, राज्य किसानों की रजिस्ट्री करवाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की राशि, शहरी क्षेत्रों में जमीन को ठीक करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये और ग्रामीण इलाकों में जमीन की जानकारी को मॉडर्न और डिजिटलीकरण के लिए 5,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

फार्मर आईडी क्यों है जरूरी?

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, Kisan ID बनने के बाद किसानों को लोन मिलना और फसल बीमा कराने जैसा काम आसान हो जाएगा. इसके अलावा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा डीबीटी के जरिये ट्रांसफर करने का काम भी आसान हो जाएगा. अभी तक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि देने के लिए एपीआई आधारित सॉफ्टवेयर के जरिये किसानों के लैंड रिकॉर्ड की जांच की जाती है. जानकारी वेरिफाई होने के बाद किसानों को पीएम किसान स्कीम (PM Kisan yojana) का पैसा दिया जाता है. लेकिन अब कृषि मंत्रालय ने नए पीएम किसान लाभार्थियों के लिए फार्मर रजिस्ट्री (Farmer registry) को अनिवार्य कर दिया है.

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किस राज्य में कितने किसान आईडी बने?

इस पहल की शुरुआत के बाद सबसे ज़्यादा 1 करोड़ 20 लाख किसानों की डिजिटल आईडी उत्तर प्रदेश में बनाई गई है. जबकि, महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 65 लाख है. मध्य प्रदेश के 56 लाख, गुजरात के 39 लाख, आंध्र प्रदेश के 29 लाख और राजस्थान के 22 लाख किसानों की डिजिटल आईडी बनाई गई है. जबकि, तमिलनाडु, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार ऐसे अन्य राज्य हैं जिन्होंने किसानों को डिजिटल आईडी देने का कार्यक्रम शुरू किया है.

कैसे बनाएं फार्मर आईडी

  • गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और 'फार्मर रजिस्ट्री' सर्च करें.
  • फार्मर रजिस्ट्री नाम का ऐप दिखेगा जिसे डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा.
  • ऐप खोलें और साइन-अप ऑप्शन पर क्लिक करें.
  • अपना आधार नंबर दर्ज करें. ध्यान रखें कि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए. अगर नहीं है तो फेशियल रिकॉग्निशन ऑप्शन को चुनें.
  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, उसे दर्ज करें.
  • एक बार आधार की डिटेल वेरिफाई होने के बाद ऐप आपका नाम, जन्म तारीख और एड्रेस अपने आप ले लेगा.
  • डिटेल्स को कंफर्म करें और नेक्स्ट पर क्लिक करें.
  • अब अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को अपडेट करें.
  • इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करना होगा.
  • अब जिला, तहसील, गांव, सर्वे या खसरा नंबर के साथ जमीन के स्वामित्व की जानकारी भरें.
  • सिस्टम के जरिये लैंड रिकॉर्ड की जानकारी को ऑटोमेटिक फेच होने दें.
  • अगर आपके आधार में घर का पता गलत है तो आप मैनुअल तरीके से पते को अपडेट करें.
  • अब जिला, गांव और पिन कोड को दर्ज करें.
  • राशन कार्ड या फैमिली आईडी नंबर हो तो दर्ज करें. यह स्टेप वैकल्पिक है लेकिन फार्मर आईडी जल्दी बनाने में कारगर है.
  • अब सभी डिटेल्स को ध्यान से पढ़ें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.
  • आधार नंबर और ओटीपी के जरिये ई-साइन फीचर का इस्तेमाल करें. ध्यान रखें कि आधार से लिंक मोबाइल नंबर एक्टिव होना चाहिए.
  • इतनी जानकारी देने के बाद आपकी फार्मर आईडी बन जाएगी.
  • अब फार्मर आईडी की पीडीएफ कॉपी डाउनलोड कर लें और उसे सेव करके भी रख लें ताकि आगे उसकी मदद ली जा सके.

किसान रजिस्ट्री के लाभ

किसान रजिस्ट्री करवाने के कई लाभ हैं. किसान रजिस्ट्री करवाने वाले किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के हकदार होंगे और उन्हें सालाना 6000 रुपये मिलेंगे. नए किसानों के लिए सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए भी किसान रजिस्ट्री जरूरी है. इसमें खाद, बीज और अन्य कृषि सब्सिडी शामिल हैं. किसान रजिस्ट्री के जरिए किसान फसल बीमा और कर्ज माफी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. किसान आईडी बनने के बाद कृषि संबंधी योजनाओं में अलग-अलग विवरण देने की जरूरत नहीं होगी. किसान रजिस्ट्री के बाद किसान की जमीन की पूरी जानकारी ऑनलाइन अपडेट हो जाती है, जिससे जमीन संबंधी कई तरह की दिक्कतें दूर हो जाती हैं.

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