राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में किसानों को लेकर बड़ा वादा कर सकती है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी घोषणा पत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी कानून बनाने का ऐलान कर सकती है. वहीं, जानकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में इस तरह का ऐलान करती है, तो उसे चुनाव में उसे काफी फायदा होगा, क्योंकि राज्य के किसान काफी समय से इस तरह के कानून की मांग कर रहे हैं.
राजस्थान में 25 नवंबर से मतदान शुरू होगा और 3 दिसंबर को रिजल्ट आएगा. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अभी तक अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि वह 20 नवंबर यानी सोमवार को घाषणा पत्र जारी करेगा, जिसमें वह एमएसपी को लेकर गारंटी कानून बनाने का वादा कर सकती है. साथ ही घोषणा पत्र में कांग्रेस यह भी दावा कर सकती है कि कानून बन जाने के बाद एमएसपी से कम कीमत पर कोई भी व्यापारी किसानों से फसल नहीं खरीद सकता है. अगर ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी देने वाले कानून का वादा कर सकती है. इसके साथ ही राजस्थान देश का पहले राज्य बन जाएगा. इस कानून के तहत अगर कोई एमएसपी से नीचे खरीद करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होगी. उन्होंने कहा कि इस कानून की योजना राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर बनाई जा रही है, जिसका गठन 18 नवंबर 2004 को प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में किया गया था.
राजस्थान में 63.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है. यदि एमएसपी गारंटी कानून प्रदेश में बन जाता है, तो लाखों किसान परिवारों का सीधा फायदा होगा. हालांकि, राज्य सरकार भी किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये का कृषि लोन माफ किया है. इससे 2.2 मिलियन किसानों को फायदा हुआ है. साथ ही राज्य सरकार ने इस साल अलग से कृषि बजट पेश किया है. वहीं, किसानों को हर महीने कृषि कनेक्शन पर 2000 यूनिट बिजली मुफ्त में दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- छठ के गीत गाकर समाज को भाईचारे का संदेश दे रही मुस्लिम गायिका, देखें वीडियो
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today