ई-नाम (e-NAM) पोर्टल या ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार, जो किसानों के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल है, इसपर अब कृषि उत्पादों की संख्या बढ़कर 238 हो गई है. बता दें कि किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकें इसके लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने 7 नए उत्पादों को इस पोर्टल पर जोड़ा है. इन उत्पादों में जर्दालू आम, शाही लीची, गन्ना, मर्चा चावल, कतरनी चावल, मगही पान और बनारसी पान को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की मंजूरी दी है. यानी कि इन उत्पादों की भी ऑनलाइन बिक्री की जा सकेगी.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कदम से किसानों को बेहतर दाम दिलाने के साथ ही कृषि व्यापार को बढ़ावा भी मिलेगा. यही वजह है कि इन 7 नए उत्पादों और उनके व्यापार करने लायक मापदंडों को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर शामिल करने की स्वीकृति दी गई है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद कृषि उत्पादों की कवरेज बढ़ाना, किसानों और व्यापारियों को डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से लाभ उठाने के नए अवसर मिलेंगे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इस मकसद के साथ किसानों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों की ओर से अधिक कृषि उत्पादों को शामिल करने की मांग पर गौर किया और फिर ई-नाम के तहत इन सात उत्पादों के व्यापार का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया.
इसके अलावा विभिन्न हितधारकों से मिले अनुरोध और फीडबैक के आधार पर, मौजूदा 4 उत्पादों के व्यापार योग्य मापदंडों में भी संशोधन किया गया है. ये उत्पाद हैं- सिंघाड़े का आटा, सिंघाड़ा, बेबी कॉर्न व ड्रैगन फ्रूट. बता दें कि कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई) ने इन 7 अतिरिक्त कृषि उत्पादों के व्यापार के लिए मापदंड तैयार किए हैं. ई-पोर्टल पर लिस्टेड ये नए कृषि उत्पाद मापदंड राज्य एजेंसियों, व्यापारियों, विषय-विशेषज्ञों और एसएफएसी सहित प्रमुख हितधारकों के साथ बड़े स्तर पर परामर्श का मौका देते हैं.
इसका फायदा ये है कि इस पहल से पारदर्शिता बढ़ेगी और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुविधाजनक बनाती है. साथ ही कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी इसका योगदान मिलेगा. इसके अलावा व्यापार योग्य मापदंडों का निर्माण प्रत्येक उत्पाद के लिए कैटेगरी या रेंज देता है और उपज की क्वालिटी के आधार पर किसानों को लाभकारी दाम मिलने में भी मदद मिलेगी.
ई-नाम पोर्टल (enam.gov.in) पर ये नए स्वीकृत व्यापार योग्य मापदंड उपलब्ध होंगे, जिससे इन कृषि उत्पादों का डिजिटल व्यापार और भी सुविधाजनक होने वाला है और साथ ही प्लेटफ़ॉर्म की क्षमता और सुदृढ़ होगी. इस कदम से किसानों को बेहतर बाजार पहुंच, अच्छा मूल्य निर्धारण और सही क्वालिटी का भरोसा मिलेगा. इस कदम से किसानों के आर्थिक हालात और इनकम भी बेहतर होगी.
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