सीएम योगी 28 जनवरी को लॉन्‍च करेंगे 'कृषि सेक्टर' की सबसे बड़ी योजना, 10 लाख किसानों को होगा फायदा

सीएम योगी 28 जनवरी को लॉन्‍च करेंगे 'कृषि सेक्टर' की सबसे बड़ी योजना, 10 लाख किसानों को होगा फायदा

Uttar Pradesh News: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि खेती को पूरी तरह से फायदे का सौदा बनाने के लिए कृषि उत्पादों के व्यापार पर भी ध्यान दिया जाएगा. अलग-अलग क्रॉप क्लस्टर तैयार किए जाएंगे, जहां व्यवसायिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

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सीएम योगी 28 जनवरी को लॉन्‍च करेंगे 'कृषि सेक्टर' की सबसे बड़ी योजना, 10 लाख किसानों को होगा फायदासीएम योगी आदित्‍यनाथ

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक बड़ी कार्ययोजना तैयार की है. किसानों के विकास की इस योजना को मौनी अमावस्या के एक दिन पहले यानी 28 जनवरी 2025 को आधिकारिक रूप से प्रारंभ किया जाएगा. योजना पर 4000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें लगभग 3 हजार करोड़ रुपये विश्व बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराएगा. विश्व बैंक के सहयोग से यूपी एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (UP AGREES) के नाम इस योजना को सीएम योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लॉन्च करेंगे.

मामले में यूपी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यूपी एग्रीस पर यूपी सरकार पिछले छह महीनों से कार्य कर रही है. योजना का फोकस बुंदेलखंड के झांसी व चित्रकूट मंडल और पूर्वांचल के विंध्य, वाराणसी, आजमगढ, गोरखपुर, बस्ती व देवीपाटन मंडल के उन 28 जिलों पर होगा, जहां उत्पादकता कम है. इन जिलों में उत्पादकता को बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत तक ले जाने के प्रयास किये जाएंगे. 

कैसे काम करेगी यह नई योजना

सिंह ने बताया कि इस योजना का पहला हिस्सा उत्पादकता का है. इसके लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के आधार पर खेती की योजना बनेगी. स्थानीय आवश्यकताओं व संभावनाओं के हिसाब से फसलों के विविधीकरण पर जोर होगा. उन्नत बीज उपलब्ध कराने के साथ ही उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा. कृषि क्षेत्र का विस्तार भी इसका अहम हिस्सा होगा. फिशरीज सहित अन्य अलाइड सेक्टर भी प्रोत्साहित किए जाएंगे.

तैयार किए जाएंगे कमॉडिटी क्लस्टर 

उत्पादन बढ़ाने के साथ ही बेहतर बाजार की उपलब्धता पर ही फसलों का दाम निर्भर करेगा और तभी किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. इसलिए उत्पादकों, कृषि व्यवसायियों और सरकारी संस्थानों को एक मंच पर लाया जाएगा. छोटे किसानों को इसे जोड़कर बाजार की मांग के अनुरूप उन फसलों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिनका अच्छा मूल्य मिल सके. इसके लिए कमॉडिटी क्लस्टर तैयार किए जाएंगे.

'इंटीग्रेटेड एग्री एक्सपोर्ट' हब विकसित करने का प्लान

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि खेती को पूरी तरह से फायदे का सौदा बनाने के लिए कृषि उत्पादों के व्यापार पर भी ध्यान दिया जाएगा. अलग-अलग क्रॉप क्लस्टर तैयार किए जाएंगे, जहां व्यवसायिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. कृषि आधारित स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी बनाए जाएंगे, जहां किसानों को बाजार से जोड़ने की सुविधा होगी. फल, सब्जियों से लेकर परंपरागत फसलों को बाजारों से जोड़ने के लिए इंटीग्रेटेड एग्री एक्सपोर्ट हब विकसित होंगे.

28 जिलों के 10 लाख से अधिक किसानों को होगा फायदा

दरअसल, योजना का एक अहम हिस्सा कृषि को तकनीक से जोड़ने का है. किसानों को संसाधन से लेकर सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए फाइनेंशियल इको सिस्टम भी विकसित किया जाना है. उन्नत खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिसमें 500 चुनिंदा किसानों को विदेश भेजे जाने की भी कार्य योजना सम्मिलित है. अलग-अलग चरणों में 28 जिलों के 10 लाख से अधिक किसानों को यूपी एग्रीस से लाभान्वित करने का लक्ष्य है, इसमें 30% महिलाएं होंगी.

यूपी बनेगा देश में कृषि सेक्टर का प्रमुख केंद्र

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 'यूपी एग्रीस’ परियोजना, उत्तर प्रदेश को देश के कृषि सेक्टर का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसका असर न केवल प्रदेश की जीडीपी पर पड़ेगा, बल्कि इस सेक्टर से जुड़े प्रदेश की 60 फीसदी आबादी की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा. कृषि में नए प्रयोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

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