सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अपनी सरकार के विकास कार्यों का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया. मीडिया से बातचीत में सीएम योगी ने प्रदेश के कृषि क्षेत्र में हुए बदलावों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से कृषि प्रधान रहा है. यहां उर्वर भूमि और जल संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं. लेकिन 2017 से पहले किसान आत्महत्या कर रहे थे. डबल इंजन की सरकार ने इस स्थिति को बदला. 2017 में पहली कैबिनेट में ही 36,000 करोड़ रुपये की लागत से लघु और सीमांत किसानों की कर्ज माफी की गई. इसके परिणामस्वरूप 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन करने वाला उत्तर प्रदेश 2023-24 में 668 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन तक पहुंच गया, जो 20% की वृद्धि दर्शाता है.
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.61 करोड़ से अधिक किसानों को 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डीबीटी के जरिए दी गई. उन्होंने बताया कि 40 वर्षों से लंबित अर्जुन सहायक, बाणसागर और सरयू नहर जैसी परियोजनाओं को पूरा कर 23,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई सुविधा दी गई.
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2016-17 तक जो कृषि की दर 5% के आस-पास थी, आज यह बढ़कर 13.5% से अधिक हुई है...
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इसके कारण उत्तर प्रदेश की GDP में 28% की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है... pic.twitter.com/eIBMBRmEPo
कृषि विज्ञान केंद्र, नया ऋषि विश्वविद्यालय और टेक्नोलॉजी के उपयोग से धान, गेहूं, दलहन और श्री अन्न में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर पहुंच गया.
गन्ना किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2008-09 से 2017 तक गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था. हमारी सरकार ने एक भी चीनी मिल बंद नहीं होने दी. तीन नई चीनी मिलें स्थापित कीं, छह का पुनः संचालन किया और 38 का विस्तार किया. उन्होंने कहा कि 2017 से अब तक 2.80 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो पिछली सरकारों के 22 वर्षों के भुगतान से 60,000 करोड़ रुपये अधिक है. एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर तक पहुंच गया.
सीएम योगी ने आगे कहा कि पीएम किसान सम्मान योजना सहित हर योजना में धनराशि डीबीटी के माध्यम से जा रही है, सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढोत्तरी हुई, वर्षो से सिंचाई परीयोजनाएं लंबित पड़ी थी, हमने इन्हें शुरू किया, आज 8 वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा किसानों को मिली.
पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कार्यकाल की तुलना की जाए तो,
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उन्होंने 22 वर्ष में जितना गन्ना किसानों के लिए किया, उतना हमारी डबल इंजन की सरकार ने मात्र 8 वर्ष में किया है.... pic.twitter.com/mnp34q3guw
जबकि प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालयो का उन्नयन,एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना, 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई, उत्तरप्रदेश इस सेक्टर में एक अलग स्पीड से आगे बढ़ा
योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को एक बीमारू राज्य माना जाता था. किसानों की आत्महत्या, युवाओं के लिए रोजगार का संकट, दंगे और अराजकता प्रदेश की पहचान बन चुके थे.
वर्ष 2017-2024 के बीच सरकार ने पांच गुना अधिक धान का मूल्य DBT के माध्यम से अन्नदाता किसानों के खाते में भेजने का कार्य किया है... pic.twitter.com/4pSmMoUJ4j
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लेकिन सिर्फ सरकार बदलने से ही प्रदेश में व्यापक बदलाव का अनुभव किया गया. उत्तर प्रदेश अब देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में उभर रहा है.
सीएम योगी ने कहा कि खाद्यान्न, गन्ना, आलू, इथेनॉल उत्पादन, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग, आयकर रिटर्न, जेम पोर्टल खरीद, कौशल विकास, एमएसएमई, पीएम आवास, उज्ज्वला, स्वामित्व, जन धन, सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा योजना में यूपी नंबर एक है. उन्होंने कहा कि यह टीम भावना और ईमानदार प्रतिबद्धता का परिणाम है.
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