वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण आज 1 फरवरी को पूर्ण बजट 2025-26 पेश कर रही हैं. वित्त मंत्री से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बजट बढ़ाने की संभावनाओं के साथ ही ग्रामीण विकास के लिए भी रकम बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है. वित्त मंत्री ने पिछले बजट 2024-25 में 2.66 लाख करोड़ रुपये बजट ग्रामीण विकास के लिए रखा था, जो इस बार 2.70 लाख करोड़ के पार हो सकता है. इससे ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और रूरल इकनॉमी को बेहतर करने में आसानी होगी. जबकि, ग्रामीण बस्तियों को मजबूत सड़कें देने के साथ गरीब वर्ग को बीमारियों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना का कवरेज भी बढ़ाने पर सरकार फैसला ले सकती है. इसके अलावा आवास स्कीम, ग्रामीण रोजगार पर भी सरकार फोकस रहने वाला है.
रोजगार को बढ़ाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से जुड़े एलान भी किए जा सकते हैं. जानकारों ने पीएम मोदी के सामने भी कृषि विकास के बारे में चिंता जताई थी. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना के तहत दिए गए छोटे-छोटे कर्जों के बावजूद क्रेडिट ग्रोथ में सुस्ती को भी उजागर किया गया था. इस समस्या का समाधान करके सरकार कई दूसरे सेक्टर्स की भी मदद करेगी, क्योंकि FMCG से लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स तक की ग्रोथ देश के ग्रामीण बाजारों पर निर्भर है. इसी तरह कृषि क्षेत्र के लिए भी कई एलान बजट में किए जा सकते हैं.
बजट में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर भी कवर को बढ़ाने की मांग की जा रही है. सरकार ने 70 साल तक के बुजुर्गों को योजना का लाभ देना शुरू कर दिया है. फिलहाल पात्र उम्मीदवार को 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में मिलता है, जिसे बढ़ाकर दोगुना यानी 10 लाख रुपये किए जाने की मांग है. इसके साथ ही हेल्थ रिसर्च में तेजी लाने और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने का भी बजट में अनुमान है. हेल्थ सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में इस बार हेल्थ बजट को बढ़ाकर GDP के ढाई फीसदी के बराबर किया जा सकता है.
इस बार के बजट में मांग की जा रही है कि अफॉर्डेबल आवास स्कीम का दायरा बढ़ाया जाए. इसके लिए 45 लाख रुपये तक के घरों पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 65 लाख रुपये किया जाए. वहीं, होम लोन की ब्याज दरों में टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने के साथ ही 80सी के तहत छूट की सीमा को भी डेढ़ लाख रुपये से बढाकर ढाई लाख रुपये किए जाने की उम्मीद जताई गई है.
इस बार के बजट में मध्यवर्ग को राहत देने के लिए सरकार टैक्स छूट का तोहफा देकर. आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है. इसके अलावा टैक्स स्लैब्स को भी बढ़ाकर हर वर्ग के लोगों की जेब में ज्यादा रकम पहुंचा सकती है. इससे सरकार टैक्स का बोझ कम करेगी जिससे लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी. वहीं, नए टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाने और दूसरी कटौतियों को शामिल किया जा सकता है. इससे पुरानी टैक्स रीजीम से नई में लोगों को लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
इन सबके अलावा भी एजुकेशन, हॉस्पिटैलिटी, ऑटो सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और ग्लोबल सप्लाई चेन तक के लिए बजट में कई बड़े एलान किए जाने की संभावना है.
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