केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने जा रही हैं, यह लगातार उनका आठवां बजट होने वाला है. कैबिनेट की बैठक सुबह 10.25 बजे संसद भवन में होगी, जिसमें बजट को मंजूरी दी जाएगी.इस बार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए अधिक राशि आवंटन की उम्मीद की जा रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस बजट में दलहन, तिलहन मिशन के साथ ही ऑर्गनिक और नेचुरल फार्मिंग के साथ ही क्लाइमेट से निपटने के लिए खास बजट अलॉट होने की उम्मीद की जा रही है. पिछली बार कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था और उससे यह रकम 1.47 लाख करोड़ रुपये थी. इस बार कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 1.60 लाख करोड़ के पार होने की संभावना है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी 2025 को बजट संसद के पटल पर रखेंगी. 11 बजे उनका बजट भाषण शुरू होगा. वह विभिन्न योजनाओं के अनुमानित खर्च और आमदनी का ब्योरा जारी करेंगी. केंद्रीय मंत्री विभिन्न मंत्रालयों जैसे शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य आदि की प्रगति रिपोर्ट देंगी और अगले वित्त वर्ष में इन मंत्रालयों के लिए जारी की जाने वाली अनुमानित रकम का खुलासा भी करेंगी. हर साल केंद्र सरकार अपने विभागों और मंत्रालयों के लिए बजट के जरिए खर्च और कमाई की रूपरेखा तय करती है. योजनाओं के लिए जरूरी रकम जारी करती है और उनके लिए बजट तय किया जाता है.
वित्त वर्ष 2024-25 में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट चार साल के निचले स्तर 6.4% पर रहने का अनुमान है. ये 2019 में फैली कोविड महामारी के बाद से सबसे कम ग्रोथ है. वित्त मंत्री और उनकी टीम के सामने सबसे कठिन काम राजकोषीय संयम को छोड़े बिना ग्रोथ को बढ़ावा देना होगा. सरकार से ये भी अपेक्षा की जाती है कि वो विभिन्न चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को GDP के 4.5% से नीचे लाने के लक्ष्य पर कायम रहेगी.
एग्रीकल्चर बजट का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. सरकार कृषि क्षेत्र की कई योजनाओं को किसानों, ग्रामीणों तक पहुंचाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए एग्रीकल्चर बजट के तहत आमदनी और खर्च की जाने वाली रकम निर्धारित करती है.
एग्रीकल्चर बजट मुख्य रूप से 4 बिंदुओं पर आधारित होता है या यूं कह लें कि इसके 4 मुख्य हिस्से होते हैं- कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, किसान कल्याण बिंदुओं को सरकार आधार बनाकर एग्रीकल्चर बजट तय करती है और योजनाओं के लिए रकम अलॉट करती है.
बजट 2025-26 के लिए सरकार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए MSP की खामियां दूर कर सकती है.
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