पूरी दुनिया में आज भारत में उगाई जाने वाली चाय बहुत फेमस हो रही है, वहीं, जब भी चाय की बात होती है तो लोगों के दिमाग में असम, गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर ही चाय आती है. लेकिन इन राज्यों के अलावा अब बिहार में भी चाय की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. दरअसल, बिहार के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार उद्यानिकी और व्यापारिक फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. वहीं “विशेष उद्यानिकी फसल योजना” के तहत सरकार चाय के क्षेत्र का विस्तार करने और ज्यादा से ज्यादा किसानों को चाय की खेती से जोड़ने के लिए बंपर सब्सिडी दे रही है. आइए जानते हैं किसान इसके लिए कहां करें आवेदन और कैसे उठाएं योजना का लाभ.
बिहार कृषि विभाग की ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार, विशेष उद्यानिकी फसल योजना के अंतर्गत बिहार उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय की खेती के लिए किसानों को बंपर सब्सिडी दी जा रही है, इस योजना के तहत किसानों को चाय का खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 2 लाख 47 हजार रुपये दिया जा रहा है. यह सब्सिडी बिहार के पांच जिलों के किसानों को दी जा रही है. इसमें कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल और पूर्णिया शामिल है.
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— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) January 28, 2025
चाय की खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु की जरूरत होती है. वहीं, चाय के पौधों को उगाने के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेस्ट होती है. चाय के पौधे को बीज या कलमों से उगाया जाता है. बीज से चाय उगाने में कम से कम तीन साल लगता है. वहीं, इसकी खेती से पहले खेत की जुताई करनी चाहिए. इसके बाद खेत में गोबर और खाद डाल दें. इसके बाद बीज या कमल को लगा दें. बता दें कि बिहार के किशनगंज जिले की चाय को GI टैग भी मिल चुका है. यहां करीब 25,000 हेक्टेयर में चाय की खेती की जा रही है. साथ ही देश-दुनिया में भारतीय चाय की डिमांड और खपत काफी तेजी से बढ़ती जा रही है.
यदि आप भी बिहार के कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल और पूर्णिया के किसान हैं और चाय की खेती करके कमाई करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार सब्सिडी मुहैया करा रही है. इसके लिए किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
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