वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं. चुनावी साल होने के चलते इस बार बजट में कई बड़ी घोषणाओं के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं, विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत का बीमा कवर दोगुना किए जाने की संभावना है. कहा जा रहा है कि सरकार लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीमा कवर दोगुना करने की तैयारी में है. यदि ऐसा होता है तो सीधे देश के 12 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा. 2018 से अब तक योजना के तहत 6.2 करोड़ लोगों को इलाज सुविधा दी गई है और उनके 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचाए गए हैं.
सरकार अपनी प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत बीमा कवर को दोगुना कर 10 लाख रुपये करने का विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है. ऐसे में कैंसर और ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों पर होने वाले अधिक खर्च को भी कवर के भीतर लाया जा सके. सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इसकी घोषणा एक फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट में किये जाने की संभावना है.
सरकार आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना के तहत 5 लाख रुपये से अधिक के खर्च वाली कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार आदि के लिए कवर बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर सकता है. वित्त मंत्रालय कवर राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है. घोषणा के बाद 2023-24 से प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देशभर में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी परिवारों की संख्या 12 करोड़ के पार पहुंच गई है. जबकि, 30 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. जबकि, 2018 के बाद से अब तक 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती की सुविधा दी गई. इन लोगों पर 79,157 करोड़ रुपये से अधिक का इलाज का खर्च आया. यदि लाभार्थियों ने आयुष्मान भारत के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना से अधिक हो जाती. इस प्रकार आयुष्मान योजना के जरिए गरीबों और वंचित परिवारों के जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई.
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