Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार कई नए कदम उठा रही है. इसी के तहत गंगा तट पर 95 करोड़ से गंगा पथ का निर्माण किया जा रहा है. इससे यहां आने वाले 41 करोड़ से अधिक पर्यटकों और श्रद्धालुओं को जाम की समस्या से निजात मिलेगी. आपको बता दें कि महाकुंभ मेला हिंदूओं का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक मेला है. इस बार 2025 में कुंभ मेला लगने वाला है.
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता दिनेश तिवारी ने बताया कि राजधानी लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर प्रयागराज में भी गंगा किनारे लगभग 12 किलोमीटर गंगा पथ का निर्माण कराया जा रहा है. यह महाकुंभ-2025 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा. इससे कुंभ क्षेत्र में भीड़ को व्यवस्थित करने में यह काफी मददगार साबित होगा। सिंचाई विभाग की तरफ से इसका निर्माण किया जा रहा है. श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए गंगा नदी के दोनों किनारों पर सात खंडों में रिवर फ्रंट की तर्ज पर सड़क बनाई जा रही है.
उन्होंने बताया कि गंगा पथ आम सड़कों से बिलकुल अलग होगी. इसका निर्माण इंटर लाकिंग, बोल्डर क्रेट से किया जा रहा है, जिसमेें स्लोप पिचिंग का कार्य भी होगा। इस सड़क को आदर्श सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके किनारे बेंच लगाई जाएगी. कई जगह जगह पर सेल्फी प्वाइंट का भी निर्माण होगा.
सहायक अभियंता दिनेश तिवारी ने आगे बताया कि गंगा किनारे रसूलाबाद घाट से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप महावीर पुरी तक का निर्माण कार्य अभी चल रहा है. गंगा के दोनों किनारे पर इन सड़कों का निर्माण हो रहा है.
साल 2025 में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर खत्म होगा. महाकुंभ 45 दिनों तक चलता है. महाकुंभ के दौरान हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और इलाहबाद में त्रिवेणी संगम पर स्नान किया जाता है, मान्यता है इससे अमृत की प्राप्ति होती है.
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