हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब पशुपालन पर फोकस कर रही है. इसी के तहत 1000 पशुओं को रखने के लिए गौशाला खोलने पर सरकार 70 लाख रुपये शेड बनाने के लिए देगी. इस बात की जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दी है. उन्होंने कहा कि गांवों का संपूर्ण विकास पशुपालन की प्रगति के बिना संभव नहीं है. इसी बात के मद्देनजर सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है. उच्च गुणवत्ता एवं अधिक दूध देने वाली मुर्रा भैंसों के मालिकों को 30 हजार रुपये तक का नकद प्रोत्साहन दिया जा रहा है. हरियाणा की मुर्रा नस्ल की भैंस दुनिया भर में प्रसिद्ध है. राज्य में देसी गाय के ए-2 पाश्चराइज्ड दूध के मार्केटिंग का काम भी शुरू किया गया है.
मुख्यमंत्री महेंद्रगढ़ के गांव जाट पाली स्थित हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में चल रही तीन दिवसीय 40वीं राज्य पशुधन प्रदर्शनी-2024 के दूसरे दिन के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने दूध उत्पादन प्रतियोगिता में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पशु मालिकों को सम्मानित किया. इनमें सुनारियां (कुरुक्षेत्र) निवासी करमबीर, जिनकी मुर्रा भैंस 28.62 किलो दूध देती है और बहबलपुर (हिसार) निवासी सतबीर सिंह, जिनकी साहिवाल गाय 23.68 किलो दूध देती है, प्रमुख तौर पर शामिल रहे.
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सीएम ने कहा कि यह हरियाणा के लोगों के लिए गर्व की बात है कि देश के 2.1 प्रतिशत दुधारू पशु हरियाणा में हैं, लेकिन देश के दूध उत्पादन में राज्य का योगदान 5.19 प्रतिशत से अधिक है. राज्य की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता 1098 ग्राम हो गई है. अब सरकार का लक्ष्य उत्तम नस्ल के साथ-साथ उत्पादन को और बढ़ाने का है. कई विकसित देशों में प्रति पशु दूध उत्पादन अधिक है तथा पशु संख्या कम है. दूध उत्पादन बढ़ाने में उन देशों जैसी आधुनिक सुविधाएं देने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पशु खरीदने और उनके रखरखाव के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत पड़ती है. पशुपालकों की पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं. अब तक 1.56 लाख पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं. बैंकों द्वारा राज्य के पशुपालकों को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है. सरकार ने सबसे गरीब परिवारों की आय बढ़ाने के लिए 'मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना' में अंत्योदय मेले लगाए तो पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए. इन आवेदनों को स्वीकार करते हुए अब तक 31,914 पशुधन यूनिट स्थापित की जा चुकी हैं. इनके लिए सरकार ने 72 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है.
पशुपालकों को आर्थिक सहायता एवं पशु बीमा के लिए सरकार ने विशेष योजना चलाई है. प्रदेश में दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत 10.42 लाख पशुओं का बीमा किया गया है. इस योजना के तहत कोई भी पशुपालक केवल 100 से 300 रुपये में बड़े पशुओं व 25 रुपये में छोटे पशुओं का बीमा करवा सकता है. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के पशुपालकों के पशुओं का बीमा फ्री कर दिया गया है.
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