केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में आज पूसा (दिल्ली) में आयोजित एग्रीविजन-2023, 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सत्र संपन्न हुआ. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि अमृत काल नई पीढ़ी के लिए बहुत ही शुभाकांक्षी है, जिसमें भारत जो करने का सोचेगा, सफल होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में भारत विश्वगुरु के स्थान पर अधिष्ठित हो, यह आशा का सूरज हमें दिखाई देता है. ऐसे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् जैसे संगठनों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है, जो इस यात्रा को पूर्णता प्रदान करने में एक सफल सहयात्री की भूमिका निर्वहन कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि बीते 8-9 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री मोदी के सशक्त नेतृत्व के परिणामस्वरूप आने वाले कल के विकसित भारत का स्वप्न साकार होता दिखाई दे रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव से वर्ष 2047 तक 25 साल का समय अमृत काल है, जिसमें सब लोग देश को विकसित भारत के रूप में देखेंगे. देश में पहले सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक क्षेत्र में कई प्रकार की विकृतियां थीं. पहले के नेतृत्व की सोची होती थी कि अपने देश को गरीब से गरीब कैसे प्रदर्शित करें, उसके कारण देश में गरीबी और हताशा बढ़ती गई. ऐसी किसी भी परिस्थिति से निकलने के लिए बहुत सारी चीजों की आवश्यकता होती है लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी थी कि मानसिक रूप से उससे उबरा जाए.
तोमर ने कहा कि किसान हमारा पेट भरता है, तो उसे हम संपन्न, समृद्ध या अन्नदाता किसान क्यों नहीं कह सकते, किसानों को गरीब कहने की बजाय उनकी प्रतिष्ठा में चार चांद लगाना चाहिए. कृषि क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, हमारे देश की रीढ़ है. हमारे जो किसान व वैज्ञानिक कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वे अभिनंदन के पात्र हैं, उन्हें सदैव प्रोत्साहन मिलना चाहिए. इसी दिशा में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कृषि को प्राथमिकता पर लेकर इस क्षेत्र को कई नए आयामों से जोडऩे का प्रयत्न किया है, जिनकी सफलता आज हमें परिलक्षित हो रही है.
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कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसानी से अधिक पैसा अन्य क्षेत्रों में कमाया तो जा सकता है, लेकिन किसान आजीविका सिर्फ अपने लिए नहीं कमा रहा है, बल्कि वह राष्ट्र के 140 करोड़ लोगों का पेट भरने के लिए खेती कर रहा है. जब किसानों के पसीने की बूंदें खेत पर गिरती हैं, तो उत्पादन और उत्पादकता तो बढ़ती ही है, देश की खाद्यान्न आपूर्ति करने के साथ ही हम दुनिया की अपेक्षाओं को पूर्त कर पाते हैं.
तोमर ने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप होते हैं, इसका किसी के पास इलाज नहीं है, लेकिन नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की जाती है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को सुरक्षा कवच के रूप में 1.30 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा देना इसका उदाहरण है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत करोड़ों किसानों को अभी तक लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये पूरी पारदर्शिता के साथ उनके बैंक खातों में केंद्र सरकार द्वारा जमा कराए गए हैं. देश में 10 हजार कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की योजना 6865 करोड़ रुपये के खर्च से क्रियान्वित की जा रही है. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की योजना छोटे किसानों के लिए वरदान बनकर आई है, जिसके तहत लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का अल्पकालिक ऋण इन्हें दिया गया है.
पशुपालन-मत्स्यपालन में जुटे किसानों को भी केसीसी से जोड़कर लाभान्वित किया गया है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी योजना से खेती की उर्वरा शक्ति बनाए रखते हुए स्वस्थ उत्पादन का प्रयास किया गया है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के साथ ही कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते हुए किसानों को तकनीक का समर्थन प्रदान किया जा रहा है ताकि खेती में उनका मुनाफा बढ़े. माइक्रो इरिगेशन को भी बढ़ावा दिया गया है, वहीं प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री श्री मोदी का जोर है.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि देश में जब से श्री नरेंद्र मोदी जी ने नेतृत्व संभाला, तो दुनिया के किसी भी राजनीतिक मंच पर भारत की गरीबी को नहीं उभारा, बल्कि जो काम बरसों से नहीं हो पाया, वह काम उन्होंने केंद्र सरकार के माध्यम से किया. गरीबों के लिए शौचालय बनाए, गरीब महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध कराई गई, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए घर बनाए गए, वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों का निर्माण हुआ है और नल-जल योजना के अंतर्गत हर घर में नल से पानी मिल रहा है. ऐसी अनेक ठोस पहलों से भारत सरकार ने मोदीजी के नेतृत्व में, देश में गैर बराबरी समाप्त करने की कोशिश की.
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कृषि मंत्री ने कहा, आर्थिक क्षेत्र में भी देश में जीएसटी जैसे कई ठोस सुधार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किए हैं. उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है, नोट बंदी के साथ ही कैशलेस ट्रांजैक्शन भी इसके उदाहरण हैं. श्री तोमर ने कहा कि नीति ठीक हो, नीयत साफ और नेता ताकतवर हो, तो ऐसे सुधारों को कोई नहीं रोक पाता है. आज दुनिया, भारत के सामने नतमस्तक है तो यह श्री नरेंद्र मोदी जी के कारण है. हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए बलिदान देते समय जिस उच्च कोटि के भारत का सपना देखा था, वह अब साकार होते दिखाई दे रहा है.
स्वावलंबी कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर हुए सम्मलेन में पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. त्रिलोचन महापात्र, आईसीएआर के डीडीजी (पशु विज्ञान) डॉ. बीएन त्रिपाठी और डीडीजी (कृषि प्रसार) डॉ. यूएस गौतम, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विवि हिसार के कुलपति डॉ. बीआर कंबोज, अभा विद्यार्थी परिषद के अंचल संगठन सचिव श्री निखिल रंजन, एग्रीविजन की राष्ट्रीय सलाहकार समिति के प्रमुख डॉ. रघुराज किशोर तिवारी, एग्रीविजन के राष्ट्रीय संयोजक श्री शुभमसिंह पटेल, अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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