गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है. चीनी मिलें गन्ने का दाम प्रति क्विंटल 10 रुपये तक बढ़ा सकती हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गन्ना किसानों को मौजूदा रेट से 3.3 फीसद अधिक गन्ने का भाव मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो अगले गन्ना सीजन यानी कि अक्टूबर से किसानों को गन्ने का बढ़कर रेट मिलेगा. रेट बढ़ाने की सिफारिश 'कमिशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस' (CACP) ने की है. अगर सिफारिश मान ली जाती है तो गन्ने का रेट प्रति क्विंटल 10 रुपये तक बढ़ सकता है.
सीएसीपी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 10.25 फीसद चीनी रिकवरी रेट के गन्ने की कीमत को मौजूदा भाव 305 रुपये से बढ़ाकर 315 रुपये कर दिया जाए. यहां कीमत का अर्थ गन्ने की एफआरपी से है. सिफारिश माने जाने के बाद गन्ना किसानों को एफआरपी के तौर पर 315 रुपये प्रति क्विंटल की दर से राशि मिलेगी.
'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय कैबिनेट इसी महीने एफआरपी बढ़ाने पर फैसला ले सकती है. गन्ने से चीनी की जितनी अधिक रिकवरी होगी, किसानों को गन्ने का रेट उतना ही अधिक मिलेगा. यहां रिकवरी रेट को इस मायने में समझ सकते हैं कि गन्ने से जितना अधिक जूस निकलेगा और जितनी अधिक चीनी बनेगी, किसानों को उतना ही अधिक गन्ने का दाम मिलेगा. अभी 10.25 फीसद रिकवरी पर गन्ने का रेट 305 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है.
ये भी पढ़ें: Ethanol बनाने के लिए गन्ना काफी नहीं, देश में मक्के की भी बढ़ानी होगी पैदावार
एफआरपी पर सरकार का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कई राज्यों में गन्ना किसान इसे लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हरियाणा में किसान लंबे दिनों से इस बात की मांग कर रहे हैं कि गन्ने का भाव बढ़ाया जाए. ऐसी ही मांग और भी कई राज्यों में जारी है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार गन्ने का रेट बढ़ाती है तो किसानों के लिए राहतभरी खबर होगी. 2024 में होने वाले आम चुनाव पर भी इसका बड़ा असर देखा जा सकता है.
दूसरी ओर इथेनॉल के उत्पादन को भी ध्यान में रखते हुए गन्ने का रेट बढ़ाने की बात हो रही है. सरकार पेट्रोल में 20 फीसद इथेनॉल मिलाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. यह तभी हो पाएगा जब इथेनॉल का अधिक से अधिक उत्पादन हो. इथेनॉल बनाने में गन्ने का सबसे बड़ा रोल है. इसलिए सरकार जब तक गन्ना किसानों को गन्ने की उपज बढ़ाने पर जोर नहीं देगी, तब तक इथेनॉल का उत्पादन भी नहीं बढ़ सकेगा. इसे देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार गन्ने का रेट बढ़ेगा इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देगी.
ये भी पढ़ें: Palwal News: ठप पड़ी गन्ने की सरकारी खरीद, शुगर मिल के बाहर लगा ट्रैक्टरों का रेला
रिपोर्ट में एक जानकारी ये भी दी गई है कि इस साल चीनी का उत्पादन घट सकता है और पिछले साल के 35.76 मिलियन टन से घटकर 32.28 लाख टन पर आ सकता है. यह जानकारी इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी कि ISMA ने दी है. हालांकि देश के घरेलू खर्च के लिए यह उत्पादन पर्याप्त है. लेकिन जब इथेनॉल बनाने के लिए चीनी का उपयोग होगा तो हिसाब गड़बड़ हो सकता है. चीनी के निर्यात पर भी बुरा असर हो सकता है. ऐसे में सरकार का ध्यान इस ओर है कि गन्ना किसानों को उनकी उपज का अधिक रेट देकर गन्ने की पैदावार बढ़ाई जाए.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today