मध्य प्रदेश सरकार किसानों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 14 हजार 700 करोड़ से अधिक का कृषि लोन शून्य प्रतिशत ब्याज पर दे दिया है. अभी अगले तीन महीने में इस रकम में और वृद्धि होगी. इस बात की जानकारी राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में दी गई है. दावा किया गया है कि इस योजना से किसानों को सूदखोरों और ब्याज के कुचक्र से मुक्ति मिल रही है. शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराने में साल दर साल बढ़ोत्तरी हो रही है. कृषि कर्ज उपलब्धता की बात करें तो वर्ष 2021-22 में वर्ष 2019-20 की तुलना में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. ताकि किसानों को राहत मिल सके.
सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को खरीफ और रबी फसल के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर लोन देने के अलावा और काम भी किए जा रहे हैं. उन्नत बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं, धान आदि फसलों का की खरीद भी की जा रही है. कुल मिलाकर अब राज्य सरकार पैक्स (प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं) के कार्यों का विस्तार कर रही है ताकि जमीनी स्तर पर किसानों को उसका फायदा मिले.
राज्य सरकार ने बताया है कि वर्ष 2019-20 में 11471 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन किसानों को वितरित किया गया था, जबकि वर्ष 2021-22 में 16 हजार 807 करोड़ रुपये इस मद में खर्च किए गए. लोन से लेकर किसानों को खाद-बीज की उपलब्धता तक के लिए सहकारी समितियों का उल्लेखनीय योगदान है. प्रदेश में 4 हजार 534 पैक्स सामान्य सुविधा केन्द्रों से किसानों को केसीसी पर (किसान क्रेडिट-कार्ड) कृषि ऋण और खाद-बीज का वितरण कर रही हैं.
पैक्स के जरिए 2020-21 में 10 लाख 85 हजार क्विंटल और वर्ष 2021-22 में 10 लाख 3 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए गए हैं. प्रदेश में संगठित क्षेत्र के कुल बीज उत्पादन का 80.15 प्रतिशत सहकारी बीज संस्थाओं द्वारा उत्पादित किया जा रहा है. इन संस्थाओं के उपार्जन केन्द्रों द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं, धान आदि फसलों की खरीद की जा रही है. सहकारी संस्थाओं के जरिए सूबे में फसलों की रिकॉर्ड खरीद की गई है.
वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के समय भी किसानों से एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 37 लाख 26 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई. वर्ष 2021-22 में एक करोड़ 28 लाख 16 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 45 लाख 82 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है.
सहकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कड़ी पैक्स को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए उसे आईटी से जोड़ा जा रहा है. दावा है कि मध्य प्रदेश, पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन करने वाला देश का पहला राज्य है. प्रदेश की सभी 4 हजार 534 पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है. इस काम पर 177 करोड़ रुपये की लागत आएगी. कम्प्यूटराइजेशन का काम अगले तीन साल में पूरा किया जाएगा. पैक्स में माइक्रो एटीएम स्थापित करने का काम भी होगा. नाबार्ड की सहायता से 29 जिला सहकारी बैंक की शाखाओं और उनसे जुड़े पैक्स में 4 हजार 628 माइक्रो एटीएम स्थापित किए जा रहे हैं. इसके जरिए पैक्स तक बैंकिंग सुविधा का विस्तार हो सकेगा.
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