Water Crisis in Chhattisgarh : जल संकटग्रस्त 3 हज़ार से ज्यादा गांवों को मिलेगा अब मिलेगा नदी का मीठा पानी

Water Crisis in Chhattisgarh : जल संकटग्रस्त 3 हज़ार से ज्यादा गांवों को मिलेगा अब मिलेगा नदी का मीठा पानी

छत्तीसगढ़ में 3 हजार से ज्यादा गांव अभी भी Severe Water Crisis का सामना कर रहे हैं. राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इन गांवों को पानी मुहैया कराने की एक खास योजना को लागू कर दिया है. इसके फलस्वरूप जिन गांवों को अब तक खारा पानी भी नहीं मिल पा रहा था उन गांवों को अब नदी का मीठा पानी मिलेगा.

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Water Crisis in Chhattisgarh : पानी की समस्या से जूझ रहे 3 हज़ार से ज्यादा गांवों को मिलेगा अब मिलेगा नदी का मीठा पानीछत्तीसगढ़ में जल संकट से निपटने के लिए मल्टी विलेज योजना का काम तेजी से चल रहा है (फोटो: साभार छग सरकार)

छत्तीसगढ़ में भू-जल संकट से घिरे गांवों की पहचान के बाद 3234 गांवों को जल्द इस समस्या से निजात मिल जाएगी. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने इन गांवों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल के लिए Multi-Village Scheme लागू की है. सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस योजना के पूरा होने पर 3234 गांवों में नदी का मीठा पानी पहुंचाया जाएगा. इससे अब तक खारे पानी के लिए भी तरस रहे इन गांवों के 10 लाख से अधिक परिवारों को मीठा जल मिल सकेगा. इसके लिए प्रदेश में कुल 4527 करोड़ रुपए की लागत से 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम शुरू किया गया है. सरकार ने इन गांवों में आपूर्ति किए जाने वाले Water quality सुनिश्चित करते हुए सभी मल्टी विलेज योजनाओं को Time bound Manner में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

18 जिले होंगे लाभान्वित

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव की अध्यक्षता में हुई जल जीवन मिशन की बैठक में Multi-Village Scheme लागू करने की मंजूरी दी गई. यह योजना भू-जल  संकट से प्रभावित 18 जिलों के 3234 गांवों में लागू की गई है. इन गांवों में भू-जल या तो पूरी तरह से खारा हो गया है या पानी में भारी तत्वों की मौजूदगी मिलने के अलावा कुछ गांवों में भू-जल स्तर खतरे के निशान से भी नीचे चला गया है.

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इन गांवों के 10 लाख से ज्यादा परिवारों को पाइपलाइन से Drinking Water पहुंचाया जाएगा. साव ने सभी मल्टी-विलेज योजनाओं में पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक योजना का करम तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं. साव ने बताया कि योजना के दायरे में लिए गए तमाम जिले ऐसे भी हैं जिनमें नलकूपों का जलस्तर बहुत नीचे चला गया है, इस कारण गर्मी के दिनों में पेयजल संकट गहरा जाता है.

आईआईटी की ली गई मदद

साव ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत Single Village Scheme का भी विकल्प था, लेकिन इस योजना के लिए हर गांव में पेयजल का स्थाई स्रोत होना जरूरी है. जबकि हर गांव में ऐसे जलस्रोत के अभाव के कारण नदी या अन्य जलाशय जैसे पानी के सतही स्रोत पर आधारित मल्टी-विलेज योजनाएं बनाई गई हैं. 

उन्होंने बताया कि इसके लिए State Water and Sanitation Mission के माध्यम से 71 मल्टी-विलेज योजनाओं की स्वीकृति दी गई है. साव ने बताया कि इन योजनाओं की Drawing and Design को Indian Institute of Technology यानी IIT और National Institute of Technology यानी NIT के तकनीकी सहयोग से बनाया गया है.

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इन जिलों को मिलेगा लाभ

उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत इन मल्टी-विलेज योजनाओं में स्थानीय नदी पर निर्मित एनीकट, बांध एवं नहर के पानी का उपयोग किया जाएगा. इनमें Water Storage के लिए Intake Well तथा जल शुद्धिकरण के लिए Water Treatment Plant का निर्माण किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत उच्च स्तरीय Master Balance Reservoir भी बनाए जा रहे हैं. इनके माध्यम से हर गांवों में बनी पानी की टंकियों तक पेयजल पहुंचाया जाएगा.

साव ने बताया कि यह काम 12 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने बताया कि इस योजना में शामिल जिलों में रायगढ़ जिले के 396 गांव, गौरेला,पेंड्रा मरवाही के 16 गांव, कोरबा के 245 गांव, जांजगीर चांपा के 32 गांव, राजनांदगांव के 393 गांव, महासमुंद के 48 गांव, कबीरधाम जिले के 31 गांव और गरियाबंद जिले के नौ गांव शामिल हैं. इनके अलावा बिलासपुर, सूरजपुर, मुंगेली, दुर्ग, बलौदाबाजार-भाटापारा, बेमेतरा, कोरिया, बालोद, सरगुजा और धमतरी जिले के गांव भी शामिल हैं. इन जिलों में लागू की गई 71 मल्टी विलेज योजनाओं से कुल 10 लाख 445 परिवार लाभान्वित होंगे.

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