ATMA Scheme: क्या है आत्मा योजना? किसानों को मिलता है इस काम के लिए इनाम, जानें पूरी बात

ATMA Scheme: क्या है आत्मा योजना? किसानों को मिलता है इस काम के लिए इनाम, जानें पूरी बात

What is ATMA Scheme: आत्मा योजना के तहत किसानों को ट्रेनिंग, नवाचार करने पर किसानों को पुरस्कृत किया जाता है. इसमें राज्य सरकार 40 प्रतिशत और केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत अंशदान देती है.

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ATMA Scheme: क्या है आत्मा योजना? किसानों को मिलता है इस काम के लिए इनाम, जानें पूरी बातआत्मा योजना के तहत किसानों को विशेष ट्रेनिंग, टूर और नवाचारों के लिए पुरस्कार दिया जाता है. फोटो- Madhav Sharma

किसान आजकल खेती-बाड़ी के अलावा नवाचार भी कर रहे हैं. इन नवाचारों को सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है. इसीलिए सरकार ने आत्मा योजना (ATMA Scheme) की शुरुआत की. आत्मा योजना के तहत ही जिन किसानों ने खेती और कृषि से संबद्ध कामों जैसे कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य जैसे क्षेत्रों में विशेष काम करने पर पुरस्कार देने का काम सरकार कर रही है. राजस्थान सरकार पांच गतिविधियों के लिए प्रति काम के लिए दो-दो किसानों को राज्य एवं जिला स्तर और एक-एक किसान को पंचायत समिति स्तर पर पुरस्कृत करती है. 

जानिए कितनी राशि मिलती है पुरस्कार में?

आत्मा योजना के तहत राज्य स्तर पर 50 हजार रुपये, जिला स्तर पर 25 हजार और पंचायत समिति स्तर 10 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है. इसके अलावा जिला स्तरीय कृषि प्रदर्शनी एवं किसान मेलों का आयोजन भी आत्मा योजना के तहत किया जाता है.

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इसमें प्रत्येक जिले में किसानों को कृषि की नई तकनीकी एवं योजनाओं की जानकारी देने के लिए कृषि एग्जीविशन एवं किसान मेले लगाए जाते हैं. इसे आयोजित करने के लिए चार लाख रुपये तक का खर्च किया जा सकता है. इन मेलों में वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी व जन प्रतिनिधि शामिल होते हैं. साथ ही किसानों को योजनाओं एवं तकनीकी की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है.

ये हैं आत्मा योजना का  उद्देश्य

आत्मा योजना के कई उद्देश्य हैं. इनमें कृषि प्रसार प्रबन्धन को सशक्त बनाने के लिए एक नई संगठनात्मक व्यवस्था बनाना. परिचालन, मार्ग-दर्शन एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया का विकेन्द्रीकरण. साथ ही किसानों की सक्रिय भागीदारी से शोध एवं प्रसार योजना बनाना. इसके अलावा खण्ड स्तर के सभी भागीदारों के बीच समन्वय एवं एकीकरण करना. इसके अलावा किसान समूहों/ संगठनों को प्रोत्साहित करना. प्रौद्योगिकी प्रसार में अन्तर कम करना. किसान-विपणन, प्रसंस्करण जुड़ाव जैसे काम आत्मा योजना के तहत किए जाते हैं.

किसान ट्रेनिंग के लिए दी जाती है राशि

आत्मा योजना के तहत किसानों को तकनीकी ज्ञान में बढ़ोतरी के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है. इसके लिए अधिकतम 1250 रुपये, जिले के अंदर ट्रेनिंग के लिए एक हजार रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा किसानों को राज्य के बाहर, जिले के बाहर और जिले के अंदर भी तकनीकी चीजों की टूर पर ले जाया जाता है. इसके तहत किसानों को एक हजार रुपये, जिले के अंदर जाने के लिए 500 और जिले में टूर पर जाने के लिए 300 रुपये प्रति किसान दिए जाते हैं. 

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खेती में नवाचार के लिए 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी

आत्मा योजना के तहत ही अगर राज्य का कोई भी किसान या कोई संस्था फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई नवाचार कर रहे हैं और यह काम किसी सरकारी विभाग की योजना में शामिल नहीं है तो उसे आत्मा योजना के तहत नवाचार गतिविधि में शामिल किया जाता है.

इसके लिए प्रत्येक जिले में पांच लाख रुपये की प्रावधान सरकार ने किया हुआ है. बता दें कि आत्मा योजना केन्द्र और राज्य सरकार की वित्त पोषित योजना है, जिसमे 60 प्रतिशत राशि केन्द्र और बाकी 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है. 

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