अगले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी असम में हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है. जबकि अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिम भारत के गुजरात राज्य, मध्य महाराष्ट्र में गरज/बिजली के साथ हल्की/मध्यम बारिश होने की आशंका है. वहीं देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम, फसल मुआवजा/Crop Compensation, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY, एमएसपी/MSP पर गेहूं की खरीदारी, पीएम किसान योजना/PM-Kisan Yojana और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में गेहूं खरीद में गुणवत्ता मानकों में छूट का ऑर्डर जारी: सुबोध सिंह, अतिरिक्त सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
इसे खेती-किसानी का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि आज कोई भी बाप अपनी बेटी की शादी किसान के बेटे से नहीं करना चाहता. पिता की इच्छा हमेशा ये होती है कि अपनी बेटी का हाथ उस लड़के को दे जो अच्छी नौकरी में हो, जिसकी कमाई अच्छी हो. इस लिहाज से किसानी और किसान का बेटा दोयम दर्जे का साबित होता है. महाराष्ट्र ऐसा प्रदेश है जहां यह समस्या सबसे गंभीर देखी जाती है. ऐसा ही कुछ हाल दक्षिण के प्रदेशों में भी है. ऐसे में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक चुनावी वायदे में ऐलान किया है कि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो किसान के बेटे से शादी करने वाली दुल्हन को दो लाख रुपये दिए जाएंगे.
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के शरबती गेहूं को सर्वाधिक उत्पादक का जीआई टैग जारी हो गया है. अपने बेहतरीन स्वाद और सोने जैसी पीली चमक के लिए देश भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं की रोटियों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. सीहोर जिला जनसंपर्क विभाग के जारी प्रेस नोट के मुताबिक शरबती गेहूं को आवेदन क्रमांक 699 के संदर्भ में जीआई टैग जारी किया गया है.
पुणे जिले के इंदापूर के संसर में नीरा दावा नहर का तटबंध फिर से धराशायी हो गई है. लिहाजा संसर का रायतेमला क्षेत्र फिर से पानी-पानी हो गया है. नतीजतन, आसपास की फसल पानी में डूब गई है और कुछ घरों में भी पानी भर गया है, जिससे किसान नाराज हैं. इस क्षेत्र के लोगों ने नहर की तत्काल मरम्मत करने की मांग की है.
आमतौर पर जो ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम बनाए जाते हैं, वो इस तरह के होते हैं कि बारिश का पानी कुछ छोटे-बड़े कंकड़-पत्थ र के बीच से होता हुआ जमीन के अंदर चला जाता है. लेकिन जमीन के अंदर जा रहे पानी की शुद्धता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. लेकिन पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू), लुधियाना ने एक ऐसा ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम तैयार किया है, जिसकी मदद से जमीन के अंदर कैमिकल और बैक्टीरिया फ्री पानी जाएगा. इतना ही नहीं यह सिस्टम खेतों में पड़े नाइट्रेट, पोटेशियम और फॉस्फोरस को भी पानी के साथ जमीन के अंदर नहीं जाने देता है.
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इस साल पूरे देश में मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने सामान्य मॉनसून रहने की उम्मीद जताई है. देश के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो इस बार मॉनसून की बारिश अच्छी होगी. आईएमडी के डायरेक्टर जनरल डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मॉनसून की स्थिति की पूरी जानकारी दी. महापात्रा ने कहा कि इस साल पूरे देश में सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है. अल-नीना को लेकर व्याप्त चिंताओं पर भी आईएमडी के डायरेक्टर जनरल ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मॉनसून सीजन के दौरान अल-नीनो की स्थिति बन सकती है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि देश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. विभाग ने हालांकि कहा कि मॉनसून के दौरान अल नीनो की स्थिति बन सकती है लेकिन सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) और उत्तरी गोलार्ध पर कम बर्फ पड़ने से इन स्थितियों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है.
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2021-22 में खूब मुर्गे-मुर्गी खाए गए हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट रिकी थापर का कहना है कि देश में हर साल छह से सात फीसद चिकन की खपत बढ़ रही है. मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि इस साल देश में 306 करोड़ ब्रॉयलर चिकन खाया गया है. आंकड़ें बताते हैं कि 2021-22 में 48 लाख टन चिकन खाया गया था. अकेले गाजीपुर, दिल्ली मंडी से रोजाना पांच लाख ब्रॉयलर मुर्गों की सप्लाई होती है.
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पीटीआई के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु उद्देश्यों हासिल करने के लिए धन उपलब्ध नहीं कराने को लेकर पश्चिम देशों की खिंचाई करते हुए कहा कि भारत स्व-वित्त के जरिए जलवायु परिवर्तन की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत बेहद महत्वाकांक्षी तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रहा है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने मॉनसून का अपडेट्स जारी कर दिया है. आईएमडी के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य रहने की संभावना है. देश की पूरी कृषि व्यवस्था मॉनसून और उसकी बारिश पर ही आधारित है. इसलिए मौसम विज्ञान की तरफ से मॉनसून का अपडेट जारी किया जाता है ताकि किसान उसी हिसाब से अपनी खेती की प्लानिंग करें. आईएमडी के मुताबिक, मॉनसून पर अल नीनो का खतरा कम रहेगा जिससे बारिश में किसी प्रकार की कमी होने की संभावना नहीं है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बारे में कहा गया है कि इसकी स्थिति सामान्य रहेगी और बारिश अच्छी होने की संभावना है.
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महाराष्ट्र बीड के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने महाराष्ट्र सरकार से यह मांग की है कि सरकार प्याज सब्सिडी पात्रता के लिए ई-फसल बुवाई पंजीकरण शर्त में ढील दें.
चीनी के दाम बढ़ना या घटना दोनों ही आम जनता को काफी प्रभावित करता है. बीते कुछ दिनों से चीनी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो बीते 2 हफ्ते में चीनी के दाम 6 फीसदी तक बढ़े हैं. कहा जा रहा है कि इस साल गर्मी में कीमतें बढ़ने के कारण चीनी की मिठास और भी कड़वी हो सकती है. दरअसल, बाजार और उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले तीन हफ्तों से देश में चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं और आगे चलकर नए उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना है.
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देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है. वहीं, अगले 5 दिनों के दौरान देश के किसी भी हिस्से में लू चलने की संभावना नहीं है. जबकि, 11-13 अप्रैल, 2023 के दौरान हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तेज़ सतही हवाएं (20-30 किमी प्रति घंटे) चलने की संभावना है.
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर गेहूं की आढ़त कम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कई साल से आढ़त 2.5 प्रतिशत है, लेकिन अब उसे कम करके सरकार आढ़तियों को परेशान कर रही है. गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये है. इसके हिसाब से आढ़तियों का कमीशन 53.12 रुपये बनता है. लेकिन सरकार ने इसे घटाकर 45 रुपये 88 पैसे कर दिया है. इस तरह प्रति क्विंटल गेहूं पर 7 रुपये 24 पैसे आढ़त या कमीशन कम कर दिया गया है.
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मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी असम में हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है. जबकि केरल में हल्की बारिश के साथ 12 स्थानों पर मध्यम बारिश होने की आशंका है. वहीं, पश्चिमी राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना होने की संभावना है. जबकि, पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है. वहीं अगले 2 से 3 दिनों तक लू की स्थिति बनने की कोई उम्मीद नहीं है.
पंजाब मंत्रिमंडल ने बेमौसम बारिश जैसे खराब मौसम के कारण फसल को हुए नुकसान को देखते हुए केंद्र से गेहूं खरीद के नियमों में ढील देने का आग्रह किया है. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि इस आशय का फैसला यहां मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया.
सोमवार 10 अप्रैल, दोपहर लगभग 12 बजे मैं हरियाणा-यूपी बॉर्डर स्थित होडल कस्बे में पहुंचा. यह उत्तर प्रदेश के मथुरा से सटा हुआ हरियाणा का क्षेत्र है. देश के कुल गेहूं उत्पादन में 10.8 फीसदी का योगदान देने वाले हरियाणा में अनाज की खरीद कैसी चल रही है इसकी जानकारी लेने मुझे यहां की पुरानी अनाज मंडी में पहुंचना था. लेकिन हमने होडल में एंट्री करते ही दिल्ली-आगरा हाइवे पर स्थित नई अनाज मंडी में हर तरफ खुले में रखे गए गेहूं को देखा तो पहले यहां के हालात को समझने की कोशिश की. पता चला कि गेहूं की सरकारी खरीद ही नहीं हो रही है, जिसकी वजह से इतना अनाज खुले में पड़ा हुआ है. पल-पल बदलते मौसम के समय ऐसी स्थिति किसानों के लिए बहुत चिंताजनक है. क्योंकि, पहले से भीगे गेहूं पर अगर फिर बारिश पड़ी हो नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल होगा.
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लखीमपुर खीरी जिले में मैगलगंज थाना क्षेत्र के पिपरी अजीज गांव में गेहूं के खेत पर हाईटेंशन लाइन का तार गिरने से भीषण आग लग गई और देखते ही देखते करीब 3 एकड़ गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पिपरी अजीज गांव के रहने वाले मणिकांत दीक्षित के गेहूं के खेत के ऊपर से निकल रही 11,000 वोल्ट की हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर नीचे गिर गया जिसके चलते करीब 3 एकड़ खेत में लगी गेहूं की खड़ी फसल धू-धू कर जलने लगी.
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने हुई बेमौसम की बारिश से किसानों के फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने के लिए सोमवार को 177.8 करोड़ रुपये जारी किये. पीटीआई के अनुसार, जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इससे पहले अधिकारियों को फसलों को हुए नुकसान के संबंध में किसानों के दावों पर विचार करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया था.
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