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Rajasthan: फसल को उजाड़ से बचाती है तारबंदी योजना, जानें कहां, कैसे करें आवेदन

Rajasthan: फसल को उजाड़ से बचाती है तारबंदी योजना, जानें कहां, कैसे करें आवेदन

तारबंदी योजना से किसानों को काफी फायदा हुआ है. खेतों की तारबंदी होने के बाद फसलों के जानवरों से सुरक्षा हो रही है. साथ ही उपज अधिक होने से किसानों की आय भी बढ़ रही है.

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चित्तौड़गढ़ के किसान नंदलाल का तारबंदी के बाद खेत. फोटो- By Arrengment चित्तौड़गढ़ के किसान नंदलाल का तारबंदी के बाद खेत. फोटो- By Arrengment

खेतों में पहले मौसम की मार, महंगे यूरिया और डीएपी के बाद किसान काफी परेशान हो जाता है. लेकिन इसके ऊपर बीते कुछ सालों से एक समस्या सबसे बड़ी सामने आई है. ये है निराश्रित पशुओं द्वारा खेतों में पूरी की पूरी फसलों को नष्ट कर देना. जब यह समस्या काफी बढ़ गई तो सरकारों ने भी इसकी ओर ध्यान दिया और तारबंदी योजना शुरू की. राजस्थान में फसल सुरक्षा मिशन शुरू किया गया. इसके तहत किसानों को खेतों की तारबंदी के लिए सब्सिडी दी जाती है. राजस्थान के साथ-साथ कई उत्तर भारत के राज्यों ने अब तारबंदी पर अनुदान देना शुरू कर दिया है.

किसान बढ़-चढ़ कर इस योजना का लाभ भी ले रहे हैं. इससे हजारों क्विंटल फसलें नष्ट होने से बच रही हैं और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है.

चित्तौड़गढ़ के नंदलाल धाकड़ को मिली तारबंदी के लिए 19 हजार की सब्सिडी

चित्तौड़गढ़ जिले के गांव जयसिंहपुरा निवासी नंदलाल धाकड़ को फसल सुरक्षा मिशन के तहत खेतों में तारबंदी के लिए सब्सिडी मिली है. वे कहते हैं, “राज्य सरकार की ओर से साल 2021 में मुझे कृषक समूह में तारबंदी के लिए 19 हजार 300 रुपये की अनुदान राशि दी गयी. इसके बाद मैंने खेतों में सीताफल और अमरूद का बगीचा लगा रखा है. साथ ही मैंने गेहूं,मेथी, सरसों और लहसुन की खेती भी की है. तारबंदी होने से पहले अक्सर नीलगाय और जंगली पशु जिनमें सुअर अधिक होते थे, वे फसल को खराब कर देते थे. इन जानवरों को रोकने के लिए उन्हें कड़ाके की सर्दी में रात को खेत पर ही रुकना पड़ता था.” 

नंदलाल बताते हैं, “तारबंदी के बाद से उनकी आय में लगभग एक लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही अब मैं खेतों की चिंता किए बिना सो सकता हूं. क्योंकि अब रात में खेतों की रखवाली करने की फिक्र नहीं करनी पड़ती.” 

नंदलाल की ही तरह चित्तौड़गढ़ के किसान भैरूलाल और गोपाललाल को कृषक समूह में खेत की तारबंदी के लिए सहायता राशि दी गई है. योजना के तहत भैरूलाल को 35 हजार 800 रुपये और गोपाललाल को 18 हजार 700 रुपये की की राशि मिली है.

इतनी मिलती है सब्सिडी

तारबंदी योजना के तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रूपये दिए जाते हैं. साथ ही अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार  रूपये अनुदान देय होता है. किसानों की ओर से 10 या इससे अधिक किसान एवं पांच हैक्टर से अधिक भूमि में तारबंदी करवाये जाने पर प्रत्येक किसान को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या 56 हजार  रूपये प्रति कृषक अनुदान दिया जाता है. 

ये है तारबंदी योजना की पात्रता

तारबंदी योजना के तहत सभी श्रेणियों के वे किसान आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास कम से कम 1.5 हैक्टेयर जमीन हो. एक किसान समूह में कम से कम दो किसान और न्यूनतम 1.5 हैक्टर जमीन होना आवश्यक है. वहीं, सामुदायिक स्तर पर तारबंदी में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम पांच हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक है.

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तारबंदी के लिए समूह में आवेदक पति-पत्नी दोनों होने पर नियमानुसार दोनों ही अनुदान के लिए पात्र होंगे और व्यक्तिगत आवेदन की स्थिति में पति-पत्नी को अलग-अलग आवेदन करना होगा. इसके अलावा दोनों के हिस्से में निर्धारित कृषि भूमि हैं तो दोनों अलग-अलग अनुदान के लिए पात्र होंगे. 

इसके अलावा राज्य सरकार ने मन्दिर भूमि के संरक्षक यानी पुजारी को भी तारबंदी योजना में लाभ लेने के लिए पात्र माना है. योजना में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होता है. कृषि विभाग की ओर से जारी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद अगर 90 दिन में तारबंदी का काम शुरू नहीं किया गया तो विभाग आवेदन को रद्द कर सकता है. 

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ऐसे करें तारबंदी योजना के लिए आवेदन

तारबंदी योजना में आवेदन के लिए किसान स्वयं या नजदीकी ई-मित्र पर जाकर राजकिसान साथी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. अनुदान आवेदन के लिए किसान को जमाबंदी की नकल देनी होगी, जो 6 माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए. साथ ही आवेदन के साथ किसान को जनाधार कार्ड देना होता है. आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की स्केन कॉपी किया जाना अनिवार्य है. किसान राज किसान सुविधा एप के माध्यम से खुद भी आवेदन कर सकते हैं. 

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