महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के 23 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 3,258 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है. राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि पिछले दो दिनों में राज्य सरकार ने विभिन्न प्रस्तावों के माध्यम से कुल 5,364 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है, जिससे बारिश और बाढ़ से नुकसान झेलने वाले किसानों को राहत दी जा सके. इस मंजूरी के बाद 23 जिलों के करीब 33.65 लाख किसानों को 3,258 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी.
इससे पहले, इसी हफ्ते राज्य सरकार ने 21.66 लाख प्रभावित किसानों के लिए 1,356.30 करोड़ रुपये की आर्थिक राहत को मंजूरी दी थी. इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के व्यापक राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 48,000 रुपये की सहायता दी जाएगी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, करीब 68.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हुई हैं. सरकार का कहना है कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत राशि वितरित की जाएगी, ताकि वे आगामी रबी सीजन की खेती की तैयारी कर सकें.
हालांकि, विपक्षी दलों ने सरकार की इस राहत राशि को अपर्याप्त बताते हुए किसानों के साथ गंदा मजाक करार दिया. विपक्ष में बैठी कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और राकांपा (एसपी) के शीर्ष नेता महायुति सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि यह सहायता राशि किसानों को नुकसान से नहीं उबार पाएगी. सितंबर महीने में हुई भारी बारिश और बाढ़ से मराठवाड़ा समेत राज्य के कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था.
हाल ही में शरद पवार ने कहा कि सरकार को केवल घोषणाएं करने के बजाय जमीन पर राहत पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब किसान प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हो जाते हैं, तब सरकार का दायित्व है कि वह उन्हें फिर से खड़ा होने में मदद करे. पवार ने कहा कि किसानों को मुआवजा और पुनर्वास दोनों स्तरों पर ठोस सहायता की जरूरत है, ताकि वे आगामी फसल सीजन के लिए तैयार हो सकें. उन्होंने सरकार से अपील की कि वह नुकसान के वास्तविक आकलन के आधार पर राहत राशि बढ़ाए और प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाने की व्यवस्था करे. (पीटीआई)
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