MP के CM मोहन यादव (Photo:ITG)मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव 27 नवंबर को श्योपुर में ऐसे धान उगाने वाले किसानों को राहत राशि देंगे, जिनकी फसलों को नुकसान हुआ है. अभी हाल में राज्य सरकार ने किसानों की फसलों को हुए नुकसान के लिए सर्वे के निर्देश दिए थे. इसके बाद सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत राशि बांटने का फैसला किया. हाल की बारिश में कई किसान प्रभावित हुए हैं जिनकी धान की खड़ी फसल खेत में बर्बाद हो गई.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार की शाम विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में भेंट करने आए किसानों के समूह से चर्चा कर रहे थे. इस अवसर पर श्योपुर के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला, पूर्व मंत्री राम निवास रावत भी मौजूद थे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार सजग, संवेदनशील होकर सक्रियता के साथ काम कर रही है. मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भावांतर योजना के तहत सोयाबीन उगाने वाले किसानों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जा रही है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली बिल में अधिक राशि न देनी पड़े, इसके लिए तीन हार्स पॉवर और पांच हार्स पॉवर के पंपिंग सेट पर सरकार की ओर से 90 प्रतिशत भुगतान करने का प्रावधान किया गया. प्रदेश के किसानों से 2600 रुपये प्रति क्विंटन की दर से गेहूं खरीदने, धान पर बोनस राशि देने के निर्णय लिए गए. राज्य सरकार किसानों के हित का आगे भी लगातार ध्यान रखेगी.
बीते साल की तरह इस साल भी मध्यप्रदेश में 2600 रुपये प्रति क्विंटल की रेट से गेहूं की खरीद होगी. मुख्यमंत्री ने सागर में इस बात की घोषणा की. अभी तक गेहूं खरीद को लेकर सस्पेंस बना हुआ था क्योंकि बीते दिन मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर एमएसपी पर खरीदी को लेकर अपनी असमर्थता जताई थी. इस असमंजस के बीच प्रदेश सरकार ने किसानों का गेहूं 2600 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदने की घोषणा की. केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2585 रुपये तय की है. उस पर 15 रुपये का बोनस दिया जाएगा. इस तरह मध्य प्रदेश के किसानों को गेहूं का भाव 2600 रुपये मिलेगा.
मध्य प्रदेश सरकार भावांतर योजना के अंतर्गत सोयाबीन की खरीद कर रही है. भावांतर योजना में सोयाबीन का रेट बढ़कर 4285 रुपये हो गया है. यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है. इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी. मॉडल रेट और न्यूनतम समर्थन मूल्य के भावांतर की राशि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है.
10 से 20 नवंबर तक सोयाबीन का मॉडल रेट लगातार बढ़ता रहा. इस अवधि में रेट 4036 रुपये से शुरू होकर क्रमशः बढ़ते हुए 20 नवंबर को 4267 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. राज्य सरकार की गारंटी है कि किसानों को हर हाल में सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की 𝟓𝟑𝟐𝟖 रुपये प्रति क्विंटल की राशि मिलेगी.
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