River Link Project : केन बेतवा लिंक परियोजना को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर

River Link Project : केन बेतवा लिंक परियोजना को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर

यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र को सूखाग्रस्त इलाके की पहचान से मुक्ति दिलाने के लिए इस इलाके की दो प्रमुख नदियों, केन और बेतवा को जोड़ने की परियोजना को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है. एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि इस परियोजना से सूखे से बदहाल बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी.

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River Link Project : केन बेतवा लिंक परियोजना को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीरसीएम श‍िवराज ने केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट काे केंद्र की फाइनल मंजूरी मिलने पर पीएम मोदी काे आभार जताया, फोटो साभार: एमपी सरकार

देश में जल संकट से प्रभावित इलाकों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने नदी जोड़ो परियोजना यानी National River Linking Project (NRLP) की रूपरेखा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ही तय कर ली थी. इसकी शुरुआत यूपी और एमपी के बुंदेलखंड की दो प्रमुख नदियों केन और बेतवा को आपस में जोड़कर सूखा प्रभावित इलाकों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए पानी की कमी को दूर करके की जानी है. इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से केन बेतवा लिंक परियोजना को पर्यावरण संबंधी फाइनल मंजूरी भी मिल गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2021 में ही इस परियोजना को हरी झंडी दे दी थी. इसे पर्यावरण मंत्रालय से जुड़ी कुछ अन्य मंजूरी मिलने का इंतजार था. अब केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए जमीन के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब इस परियोजना को जमीन पर लागू किया जा सकेगा. चुनाव की दहलीज पर खड़े एमपी के लिहाज से इस परियोजना को मंजूरी मिलने के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं.

बुंदेलखंड के लिए सौभाग्य की बात

एमपी के सीएम शिवराज सिंह ने केन बेतवा लिंक परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने की जानकारी देते हुए कहा कि यह एमपी और यूपी में स्थित समूचे बुंदेलखंड के लिए सौभाग्य की बात है. चौहान ने कहा कि विकास की दौड़ में पिछड़ गए बुंदेलखंड में विकास के सभी जरूरी काम किये गए, लेकिन इस इलाके को पानी की जरूरत थी.

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किसानों को सिंचाई और जनता काे मिलेगी बिजली

सीएम श‍िवराज ने कहा कि इस परियोजना को लागू किए जाने के बाद बुंदेलखंड के किसानों को 10 लाख 62 हज़ार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मिल जाएगी. इतना ही नहीं इस इलाके में रहने वाले 62 लाख लोगों को पीने का पानी भी मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रोपावर और 27 मेगावाट की क्षमता का सोलर प्लांट लगने से इस इलाके के लोगों को बिजली की भी सुविधा मिलेगी. भविष्य में इस प्रोजेक्ट के तहत 72 मेगावाट क्षमता के दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं. उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना के कारण बुंदेलखंड की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी.

एमपी की सिंचाई क्षमता

सीएम श‍िवराज ने कहा कि भाजपा के शासन काल में राज्य की सिंचाई क्षमता 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर हो गई है. उन्होंने कह‍ा कि केन बेतवा लिंक परियोजना को जमीन पर उतारने के बाद राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़कर 65 लाख हेक्टेयर हो जाएगी.

एमपी की भाजपा इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि इस परियोजना को मंजूरी मिलना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है. इससे केन बेतवा लिंक परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है. शर्मा ने कहा कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए 6017 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अंतिम स्वीकृति दे दी है. अब परियोजना का काम पूरी गति से शुरू किया जा सकेगा. इससे बुंदेलखंड को हरा-भरा और समृद्ध बनाने का रास्ता खुल जाएगा.

गौरतलब है कि इस परियोजना के तहत पन्ना में केन नदी पर बांध बनाकर एक नहर के जरिए केन का अतिरिक्त पानी बेतवा नदी में डाला जाएगा. पन्ना छतरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद शर्मा ने कहा कि सूखा, रोजगार और पलायन के संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने में यह योजना निर्णायक भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने केन बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति देकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेई के सपनों को साकार कर बुंदेलखंड तथा समूचे मध्य प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

गाैरतलब है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) को वन भूमि का हस्तांतरण करने की स्वीकृति मिल गई है. इससे परियोजना के काम को शुरू किया जा सकेगा.

ये होंगे अन्य लाभ

सरकार का दावा है कि केन बेतवा लिंक परियोजना का काम पूरा होने के बाद इस परियोजना से गैर मानसून सीजन में एमपी को 1,834 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा. इस परियोजना से एमपी के 9 जिले (छतरपुर, पन्‍ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दतिया, सागर, विदिशा, श‍िवपुरी एवं दमोह तथा यूपी के 4 जिले (बांदा, महोबा, झांसी एवं ललितपुर) को सिंचाई, पेयजल एवं बिजली की सुविधा का लाभ मिलेगा.

दिसंबर 2021 में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई इस परियोजना की लागत 44 हजार करोड़ रुपये है. वित्त मंत्रालय ने 8 साल में पूरी होने वाली इस परियोजना के लिए चालू वित्त वर्ष के बजट में भी यह राश‍ि आवंटित कर दी है.

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फसलों को लाभ

एमपी सरकार का दावा है कि इस परियोजना के कारण अकेले एमपी में बुंदेलखंड क्षेत्र के 9 जिलों में रबी की मुख्य फसल गेहूँ की पैदावार में 283.85 लाख क्विंटल का इजाफा होगा. इसके अलावा खरीफ की भी अन्य फसलों की उपज बढ़ने से किसानों की आय बढ़ना तय है.

इस परियोजना से एमपी की 41 लाख आबादी एवं यूपी की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी. इस परियोजना में प्रस्तावित पावर हाउस से कुल 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का भी प्रावधान है. इससे बुंदेलखंड में विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.

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