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झारखंड में इस बार भी किसानों को सही समय पर नहीं मिले कृषि उपकरण, कैसे सफल होगा उन्नत खेती का मिशन

झारखंड में इस बार भी किसानों को सही समय पर नहीं मिले कृषि उपकरण, कैसे सफल होगा उन्नत खेती का मिशन

इस बार कृषि उपकरणों के लिए टेंडर फाइनल नहीं हो पाया है. जबकि इसके लिए सात फरवरी को ही राज्यादेश जारी कर दिया गया था. अब इसके बाद भी कृषि उपकरण के लिए टेंडर फाइनल करने में देरी होगी क्योंकि लोकसआभ चुनावों का एलान हो चुका है. अब ऐसे में इसका कार्य अगले वित्त वर्ष में ही संभव हो पाएगा.

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झारखंड में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं,ताकि किसानों को राहत पहुंचाई जा सके. राज्यों में किसानों को कृषि कार्य में राहत दिलाने के लिए  कृषि उपकरण प्रदान किए जाते हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री कृषि उपकरण योजना चलाई जा रही है. पर दूसरी योजनाओं की तरह इस योजना की हालत भी जर्जर है, क्योंकि अक्सर सही समय पर किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. हर बार यही होता आया है. इस बार भी चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों को सही समय पर योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. 

इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि इस बार कृषि उपकरणों के लिए टेंडर फाइनल नहीं हो पाया है. जबकि इसके लिए सात फरवरी को ही राज्यादेश जारी कर दिया गया था. अब इसके बाद भी कृषि उपकरण के लिए टेंडर फाइनल करने में देरी होगी क्योंकि लोकसआभ चुनावों का एलान हो चुका है. अब ऐसे में इसका कार्य अगले वित्त वर्ष में ही संभव हो पाएगा. तो इस बार किसानों को सही समय पर कृषि उपकरण नहीं मिल पाएंगे. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कृषइ उपकऱण योजना के तहत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और अन्य को कृषि यंत्रों का वितरण करना होता है. योजना के तहत 125 करोड़  रुपये का प्रावधान किया गया है. 

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80 फीसदी तक मिलेगा अनुदान

इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिलता है.जिनके पास पहले से एक बड़ा ट्रैक्टर है. उन किसानों को भी सहायक कृषि यंत्र दिया जाएगा. इन किसानों को तीन लाख रुपये मूल्य तक का कृषि यंत्र मिल सकता है. इन उपकरणों पर लाभुक किसानों को 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा. जो अधिकतम दो लाख रुपये तक हो सकती है. अनुदान पर जो कृषि उपकरण दिया जाता है. उसका इस्तेमाल किसान समूह अपने समूहों के अलावा दूसरे किसान भी कर सकते हैं. दूसरे किसान किराये पर इसे ले सकते हैं. इससे किसान समूहो की आय बढ़ेगी.

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उपकरणों की खरीद के लिए बनाई गई है कमेटी

राज्य में मुख्यमंत्री कृषि योजना के तहत 970 कृषि उपकरण बाटा जाना है. इसके लिए जिलावार लक्ष्य तय किया गया है. किसानों को लाभ पहुंचाने वाली इस योजना का संचालन  झारखंड एग्रीकल्चर मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर द्वारा किया जा रहा है. योजना के तहत टेंडर जारी करने के लिए राज्यादेश के आलोक में राशि निकालकर जेएएमटीटीसी के पीएल खाते(प्रॉफिट एंड लॉस एकाउंट) में जमा कर देना है. कृषि विभाग ने उपकरणों की खरीद के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया गया है. जो कृषि उपकऱणों के खरीद का तकनीकी प्रारुप तय करेगी. उद्यान निदेशक को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.