खेती-किसानी को लेकर राष्ट्रीय फलक पर चर्चित हरियाणा ने एक ऐसा पोर्टल बनाकर रखा है, जिसकी कॉपी करके दूसरे राज्य भी अपने किसानों को बेहतर सेवा दे सकते हैं. इस पोर्टल का नाम है मेरी फसल मेरा ब्यौरा. नाम से काफी कुछ स्पष्ट हो जाता है. इस पर रजिस्टर्ड किसानों को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों को बेचने का फायदा मिलता है. बागवानी फसलों को इसी के जरिए ही भावांतर भरपाई योजना का भी लाभ दिया जाता है. किसान इस पोर्टल पर बताते हैं कि उन्होंने खेत में कौन सी फसल कितने क्षेत्र में बोई है. इसके आधार पर ही उनकी फसलों के बिक्री का कोटा और प्राकृतिक आपदा आने पर मुआवजा तय होता है.
हरियाणा में खेती-किसानी की किसी भी योजना का लाभ लेना है तो इस पर रजिस्ट्रेशन हर हाल में करवाना होगा. या यूं कहें कि इस पर अपना ब्यौरा दर्ज कराए बिना कोई सुविधा नहीं मिलेगी. रबी और खरीफ दोनों सीजन में किसानों को मुख्य तौर पर अपनी फसलों और उसके क्षेत्र का ब्यौरा देना होता है. किसान जो डाटा देता है सरकार उसे वेरिफाई करवाती है.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत 5 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की थी. यह पोर्टल जमीन के रिकॉर्ड के साथ इंटीग्रेटेड है. इस पर रजिस्टर्ड होने के बाद बीज, खाद, लोन एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर मिल सकती है. यही नहीं मंडी संबंधित सारी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध होगी. कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल के मुताबिक प्रदेश की सभी जोत भूमि की मैपिंग होगी. इसका काम हो रहा है. इसके माध्यम से सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किया जा रहा है.
किसान खुद भी अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन (http://fasal.haryana.gov.in) पर जाकर कर सकते हैं. फसलों के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. हरियाणा में कुछ साल से परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं. जिसे आधार की तरह हर जगह पर मांगा जा रहा है. ऐसे किसान जो पड़ोसी राज्यों के हैं लेकिन उनकी जमीन हरियाणा में है वो भी इसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस साइट पर जाने पर आपको रजिस्ट्रेशन का विकल्प मिलेगा. यदि कोई समस्या आ रही है तो सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से शाम को 6 बजे तक टोल फ्री नंबर (18001802060) पर संपर्क कर सकते हैं.
आपके पास जमीन है इसकी जानकारी देने के लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड के नकल की कॉपी देनी होगी.
कौन सी फसल की बुवाई की है. उसकी किस्म और समय पोर्टल पर भरना होगा.
बैंक पासबुक की कॉपी लगानी होगी, ताकि किसी भी स्कीम का लाभ सीधे किसान के अकाउंट में आए.
मोबाइल नंबर और आधार कार्ड जरूरी है.
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही सरकार संबंधित जानकारी भेजेगी.
कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि यह पोर्टल डायरेक्ट सीड राईस, मेरा पानी मेरी विरासत, बाजरा रिप्लेसमेट, भावांतर भरपाई योजना, उत्तम बीज आदि सहित लगभग सभी फायदे के लिए एक अंब्रेला प्लेटफार्म बन गया है. पोर्टल शुरू करने का मकसद लोगों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाना था, जहां किसान और सरकार एक साथ आ सकते हैं. इस पोर्टल द्वारा सीधे बैंक, ट्रेजरी या ई-खरीद के जरिए सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में जमा की जा रही है. कृषि विभाग खरीफ 2020 से मेरी फसल मेरा ब्योरा के लिए नोडल विभाग है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today