चीनी म‍िलों के ल‍िए सरकार का बड़ा आदेश, क‍िसानों को इस तरह मिलेगा फायदा

चीनी म‍िलों के ल‍िए सरकार का बड़ा आदेश, क‍िसानों को इस तरह मिलेगा फायदा

जैव ईंधन ब्रिकेट से किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा क्योंकि इसे बनाने के लिए पराली या अन्य कृषि अवशेषों का इस्तेमाल होता है जिसे किसान चीनी मिलों को बेचकर कमाई कर सकते हैं. दरअसल, ब्रिकेट पराली जैसी बायोमास से बनी छोटी-छोटी ईंटें या ब्लॉक होती हैं जिसे कोयले और चारकोल की जगह ईंधन के रूप में जलाया जाता है.

Advertisement
चीनी म‍िलों के ल‍िए सरकार का बड़ा आदेश, क‍िसानों को इस तरह मिलेगा फायदाजैव ईंधन ब्रिकेट से किसानों की आमदनी में इजाफा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों में "जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट" लगाए जाएं ताकि चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सके. वे मंगलवार को चंडीगढ़ में नारायणगढ शुगर मिल की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैथल सहकारी चीनी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट लागने का काम शुरू किया जा चुका है, जिसमें बैगास की ब्रिकेट बनाकर हरियाणा के थर्मल पावर प्लाटों और अन्य उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है. इससे चीनी-मिल की वित्तीय स्थिति में भी काफी सुधार आया है. 

जैव ईंधन ब्रिकेट से किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा क्योंकि इसे बनाने के लिए पराली या अन्य कृषि अवशेषों का इस्तेमाल होता है जिसे किसान चीनी मिलों को बेचकर कमाई कर सकते हैं. दरअसल, ब्रिकेट पराली जैसी बायोमास से बनी छोटी-छोटी ईंटें या ब्लॉक होती हैं जिसे कोयले और चारकोल की जगह ईंधन के रूप में जलाया जाता है. इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर चीनी मिलों में हो सकता है. इन चीनी मिलों को किसान पराली या अन्य कृषि अवशेषों को कच्चे माल के रूप में बेचकर कमाई कर सकते हैं. 

क्या कहा सीएम सैनी ने?

मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी तर्ज पर प्रदेश की अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी "जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट" की स्थापना की जाए. इससे चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सकेगा. उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में सरकार द्वारा सहकारी चीनी मिलों और किसानों के हित में उठाए जा रहे कदमों और सहकारी चीनी मिलों की कार्यकुशलता में लगातार सुधार पर खुशी जाहिर की. मुख्यमंत्री को बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान पिराई सत्र 2024-25 में 13 जनवरी तक शुगरफैड से संबंधित सभी सहकारी चीनी मिलों ने कुल 113.56 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करते हुए औसत चीनी रिकवरी 8.70 प्रतिशत के साथ 9.18 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है.

पिछले पिराई सत्र 2023-24 में रोहतक, सोनीपत, जींद, पलवल, महम, कैथल और गोहाना सहकारी चीनी मिलों ने लगभग 7.14 लाख क्विंटल बैगास की बचत करते हुए 1630.31 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया था. बैठक में शुगरफेड के चेयरमैन धर्मबीर सिंह डागर ने भी चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सुझाव दिए.

इस अवसर पर बैठक में मुख्य सचिव विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव राजेश खुल्लर , प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, वित्त और योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी , खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव साकेत कुमार, कृषि विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक, खाद्य , नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राजेश जोगपाल, हरियाणा स्टेट फेडरेशन ऑफ़ कोपरेटिव शुगर मिल्स के प्रबंध निदेशक शक्ति सिंह के अन्य अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

 

POST A COMMENT