बिहार में अब तक तीन कृषि रोडमैप लागू हो चुके हैं. वहीं अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में चौथे कृषि रोडमैप की औपचारिक शुरुआत करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहली बार बिहार आ रही हैं. वे 18 अक्टूबर से तीन दिवसीय दौरे के दौरान राज्य में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी. 'डीडी न्यूज बिहार' की एक रिपोर्ट के अनुसार मुर्मु अपने दौरे के पहले दिन पटना के ज्ञान भवन में चौथे कृषि रोड मैप (Fourth Agricultural Road Map) की औपचारिक उद्घाटन करेंगी. इसके साथ ही 19 अक्टूबर को गया के सीयूएसबी में दीक्षांत समारोह में शामिल होगी. वहीं 20 अक्टूबर को मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु देश की पहली महिला राष्ट्रपति होगीं,जो चौथे कृषि रोडमैप का उद्घाटन करेंगी. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने तारीख को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की है. लेकिन राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
प्रदेश में चौथा कृषि रोडमैप एक अप्रैल से शुरू हो गया है. हालांकि दो कृषि रोडमैप के जैसे चौथे कृषि रोडमैप की विधिवत शुरुआत राष्ट्रपति के द्वारा की जाएगी. इस रोडमैप के जरिये आने वाले पांच साल के दौरान राज्य में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की विकास योजनाएं शुरू की जाएंगी. राज्य में पहला कृषि रोडमैप 2008 में शुरू किया गया था. वहीं कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने किसान तक से बात करते हुए कहा कि कृषि रोडमैप राज्य के किसानों को समृद्धि की ओर लेकर जाएगा. तीन कृषि रोडमैप के बाद चतुर्थ कृषि रोडमैप के जरिये पांच साल के दौरान कई विकास के काम किए जाएंगे. वहीं राष्ट्रपति के कार्यक्रम की तारीख को लेकर उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में लिखित कोई जानकारी नहीं है.
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राज्य में अब तक तीन कृषि रोडमैप लागू हो चुके हैं. लेकिन चतुर्थ कृषि रोडमैप का उद्घाटन करने वाली द्रौपदी मुर्मु पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. वहीं राष्ट्रपति के क्रम में तीसरी हैं. हालांकि इनसे पहले 2017 में तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था. वहीं दूसरे रोड मैप का उद्घाटन 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मु पहली बार बिहार आएंगी. बीते दिनों राज्य सरकार ने कृषि रोडमैप के उद्घाटन को लेकर राष्ट्रपति भवन को पत्र भेज राष्ट्रपति से समय की मांग की थी. इसके बाद 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन के द्वारा समय दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर यह बात कही जा रही है.
चतुर्थ कृषि रोडमैप में आने वाले पांच साल के दौरान सरकार जलवायु अनुकूल खेती, फसल उत्पादन, जैविक खेती, कृषि बाजार, डिजिटल कृषि सहित बीज, कृषि अनुसंधान और भूमि जल संरक्षण, बगावनी सहित अन्य क्षेत्रों में काम करेगी. वहीं बिहार के किसानों को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कृषि रोडमैप में करीब 12 विभागों को सम्मिलित किया है.
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बिहार ने बीते कुछ साल में कृषि के क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है. वहीं बिहार में अब तक कुल 05 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जिनमें भागलपुरी जर्दालू, कतरनी चावल, मघही पान, बिहार की शाही लीची और मिथिला मखाना शामिल हैं. इसके साथ ही बिहार लीची उत्पादन में पहला राज्य बन चुका है. वहीं चावल और गेहूं के उत्पादन में बिहार टॉप दस राज्यों में छठवें स्थान पर है. इसके साथ ही मक्का के उत्पादन में दूसरा और सब्जी के उत्पादन में तीसरा स्थान है. इसके अलावा अन्य कृषि उत्पादों में लगातार आगे बढ़ रहा है.
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