सदाबहार एवं सब्जियों का राजा आलू की पहुंच अमीर से लेकर गरीब के किचन तक हमेशा रहती है. वहीं, इसे लगाने का सही समय नजदीक आ रहा है. इसकी खेती को बिहार में विस्तार देने के लिए बिहार सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है, जिसमें आलू प्रसंस्करण के तहत लेडी रोसेटा प्रभेद के विस्तार करने को लेकर लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत राज्य के 17 जिलों में आलू विस्तार किया जाना है. वहीं, उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत इस योजना के अंतर्गत कुल 04 करोड़ 88 लाख 08 हजार 07 सौ 60 रुपये की लागत पर कार्यान्वयन, राशि की निकासी और व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है. वहीं, इस योजना के तहत आलू की खेती को लेकर किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना की शुरुआत राज्य के 17 जिलों के किसानों के लिए की गई है, जिसमें औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सिवान और वैशाली शामिल हैं. वहीं, इस योजना का उद्देश्य बिहार में आलू के प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त प्रभेद “लेडी रोसेटा” का क्षेत्र विस्तार कर उत्पादन में वृद्धि करना और प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित करना है.
कृषि मंत्री सिन्हा ने कहा कि इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल आलू के बीज की सीमा तय की गई है. वहीं, कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार आलू के बीज का मूल्य 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक तय किया गया है. हालांकि, विभाग की ओर से मिलने वाले अनुदान के तहत वास्तविक मूल्य या दोनों में से जो कम होगा, उसी दर पर किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, प्रति हेक्टेयर इकाई लागत बीज मूल्य सहित 1,25,150 रुपये निर्धारित की गई है. इसमें से किसानों को 75 प्रतिशत अर्थात 93,863 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान प्रदान किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि अनुदान की राशि किसान को दो किस्तों में दी जाएगी, जिसमें प्रथम किस्त 70,397 रुपये इनपुट और उपादान क्रय के लिए और द्वितीय किस्त 23,466 रुपये स्थल निरीक्षण और भौतिक सत्यापन के उपरांत दी जाएगी. वहीं, इसके तहत किसानों को न्यूनतम 0.10 हे. और अधिकतम 2.0 हे. तक आलू की खेती करने पर लाभ मिलेगा.
रबी मौसम की शुरुआत के साथ अक्टूबर के अंत और नवंबर महीने की शुरुआत में आलू की खेती शुरू हो जाती है. वहीं, इस योजना के तहत किसानों को बीज टिश्यू कल्चर द्वारा संवर्धित प्रजनक बीज (जी-3) उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी आपूर्ति संबंधित जिला के सहायक निदेशक (उद्यान) द्वारा की जाएगी. सरकार जहां खेती के विस्तार के लिए किसानों को अनुदान दे रही है, मगर उपज का सही दाम और भंडारण की सुविधा नहीं होने की वजह से किसान चिंतित हैं. विभाग अपने स्तर पर भले ही कई दावे करे, लेकिन राज्य के किसान आज भी बाज़ार के अभाव में इधर-उधर अपनी उपज लेकर भटक रहे हैं.
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