बिहार में एक ओर जहां मत्स्य पालन रोजगार का एक सफल माध्यम बनकर उभर रहा है, साथ ही मछलियों का फीड उद्योग भी बिहार में तेजी से ग्रोथ कर रहा है. वहीं, इन उद्योग से जुड़े हुए उद्यमियों को बिजली में अनुदान देने को लेकर राज्य की सरकार द्वारा फिश फीड मील विद्युत सहायता योजना शुरू की गई है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय द्वारा इस योजना को स्वीकृत किया गया है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत बनाए गए 2 टन, 8 टन, 20 टन और 100 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के फिश फीड मीलों को मासिक विद्युत खपत के आधार पर वित्तीय राहत दी जा रही है. वहीं योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय की ओर से जारी सूचना के आधार पर इस योजना के तहत राज्य में फिश फीड उत्पादन करने वाले मील मालिकों को प्रति यूनिट 3 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही 100 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के फिश फीड मीलों को अधिकतम 2 लाख रुपये प्रतिमाह और अधिकतम 24 लाख रुपये प्रति वर्ष की दर से विद्युत वित्तीय सहायता राशि देने का प्रावधान है. वहीं विभाग ने बताया कि इस योजना के तहत बिजली बिल में वित्तीय सहायता मासिक विद्युत खपत यूनिट के आधार पर व्यवसायिक दर से बिजली बिल दी जाएगी, जिसमें फिक्स्ड चार्ज और अन्य अतिरिक्त चार्ज शामिल नहीं होगा.
राज्य के उन्हीं फीड मील संचालकों को इस योजना का लाभ विभाग की ओर से दिया जाएगा, जो फीड मील प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत स्थापित किए गए हैं. इस योजना के तहत राज्य में कुल 53 फिश फीड मील कार्यरत हैं. वहीं, इसका लाभ लेने के लिए मील संचालकों को अपने फिश फीड मील का फोटो पोस्टकार्ड साइज में आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा. इसके साथ ही आवेदक द्वारा अपना मोबाइल नंबर और बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आई.एफ.एस.सी. कोड देना होगा. वहीं, आवेदन के बाद लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा होगा.
फिश फीड मील विद्युत सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक 31 दिसंबर तक fisheries.bihar.gov.in की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं, इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर अथवा संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
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