प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल दौरे पर थे. उन्होंने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. प्रधानमंत्री ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कांगड़ा में एक आधिकारिक बैठक की जिसमें राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान का आकलन भी किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. इसके साथ ही, एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त भी अग्रिम रूप से जारी की जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कांगड़ा में बैठक के माध्यम से नुकसान की समीक्षा और आकलन किया. प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के बाढ़ और बारिश प्रभावित इलाकों के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की. उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की. केंद्र सरकार ने प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 9 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश के प्रभावित इलाकों में बाढ़ की स्थिति और बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश का दौरा किया.
प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और लोगों को फिर से पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. यह काम कई तरीकों से किया जाएगा, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों का जीर्णोद्धार, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत राहत का प्रावधान और पशुधन के लिए मिनी किट जारी करना.
कृषि समुदाय को सहायता देने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए, विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी. इससे नुकसान का सटीक आकलन करने और प्रभावित लोगों तक सहायता जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी.
निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए, स्कूल नुकसान की सूचना दे सकेंगे और उसे जियोटैग कर सकेंगे, जिससे समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता मिल सकेगी. वर्षा जल संग्रहण और भंडारण में सहायता के लिए जल संचयन के लिए पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा. इन प्रयासों से भूजल स्तर में सुधार होगा और बेहतर जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा.
केंद्र सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए हिमाचल प्रदेश का दौरा करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल पहले ही भेज दिए हैं और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की. उन्होंने जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना और गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और हर संभव सहायता देगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सभी प्रकार की सहायता दी जा रही है. उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा-उन्मुख संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की. केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन और केंद्रीय दलों की रिपोर्ट के आधार पर आकलन की आगे समीक्षा करेगी. प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी.
प्रधानमंत्री ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. प्रधानमंत्री ने गुरदासपुर में बैठक में नुकसान की समीक्षा और आकलन किया. प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जो राज्य के खजाने में पहले से मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है.
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत बड़ी सहायता की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की.
प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की. केंद्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
(अशोक सिंघल और अमन भारद्वाज का इनपुट)
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