हर साल देश के कई हिस्सों में बाढ़ की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं, मिट्टी की उपजाऊ शक्ति घट जाती है और किसानों की कमाई पर गहरा असर पड़ता है. इन मुश्किल हालात में किसानों की मदद के लिए सरकार और कृषि विभाग मिलकर कई योजनाएं चलाते हैं. इसी कड़ी में हम जानेंगे की कैसे बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए कृषि विभाग की प्रमुख योजनाओं का संचालन कर उनकी मदद करती रही है.
यह योजना बाढ़ सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए शुरू की गई है. अगर किसी किसान की फसल बाढ़ में खराब हो जाती है, तो वह इस योजना के तहत बीमा राशि प्राप्त कर सकता है.
मुख्य लाभ:
जब कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ आती है, तो सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देती है. यह सहायता सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.
मुख्य लाभ:
बाढ़ के बाद खेती को फिर से शुरू करने में मशीनों की जरूरत होती है. कृषि विभाग किसानों को ट्रैक्टर, पंपसेट, थ्रेशर आदि पर सब्सिडी देता है ताकि वे खेती दोबारा शुरू कर सकें.
मुख्य लाभ:
बाढ़ के कारण खेत की मिट्टी की गुणवत्ता बिगड़ जाती है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देती है, जिससे वे जान सकें कि उनकी मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं.
मुख्य लाभ:
बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं, उनके लिए सरकार कृषि ऋण पर ब्याज में छूट और पुनर्भुगतान में राहत देती है. कई बार सरकार ऐसे ऋण को माफ भी कर देती है.
मुख्य लाभ:
बाढ़ जैसी आपदाएं किसानों के लिए बहुत कठिन समय लेकर आती हैं, लेकिन सरकार और कृषि विभाग की योजनाएं उन्हें दोबारा खड़े होने का अवसर देती हैं. किसानों को चाहिए कि वे इन योजनाओं की जानकारी रखें और समय पर आवेदन करें. इससे उन्हें आर्थिक सहारा मिलेगा और वे फिर से खेती में जुट सकेंगे.
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