बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. राज्य सरकार अब मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. इसके लिए 10.30 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है.
राज्य के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 में एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत लागू की जा रही है. इसका उद्देश्य शुद्ध शहद उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों की आजीविका में विविधता लाकर उनकी आमदनी को दोगुना करना है.
कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना के जरिये किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. इसके साथ ही मधु उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों की आजीविका को सुदृढ़ बनाना है क्योंकि राज्य में मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में पुरुषों के साथ महिलाओं की भी सहभागिता काफी तेजी से बढ़ी है.
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ हासिल कर सकें. इसके तहत किसानों को तीन प्रमुख घटकों मधुमक्खी बक्सा, मधुमक्खी छत्ता और मधु निष्कासन यंत्र और फूड ग्रेड कंटेनर पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा.
मधुमक्खी बक्से की इकाई लागत 4000 रुपये है, जिस पर 2000 रुपये का अनुदान मिलेगा. मधुमक्खी छत्ते की लागत 2000 रुपये तय की गई है, जिस पर 1000 रुपये का अनुदान मिलेगा. वहीं मधु निष्कासन यंत्र और दो फूड ग्रेड कंटेनर (प्रत्येक 30 किग्रा) की कुल लागत 20000 रुपये है, जिसमें किसानों को 10000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा.
राज्य सरकार ने बताया कि योजना सभी जिलों में लागू की जाएगी और इसका लाभ महिलाएं भी उठा सकेंगी जिनकी भागीदारी इस क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ रही है. इससे ग्रामीण महिलाओं के लिए भी आत्मनिर्भरता का रास्ता खुलेगा.
जल्द ही ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी. इच्छुक किसान जिला कृषि कार्यालय या संबंधित अधिकारी से संपर्क करें. इस योजना से न सिर्फ खेतों में फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि किसानों के जीवन में भी 'मीठा' बदलाव आएगा.
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