अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ का ऐलान कर दिया है. भारत को भी इससे बख्शा नहीं गया है और नौ अप्रैल से भारतीय वस्तुओं पर 27 फीसदी तक का टैरिफ लगेगा. हालांकि ट्रंप के टैरिफ चार्ट में भारत के लिए टैरिफ की दर 26 प्रतिशत बताई गई थी मगर आधिकारिक आदेश में यह आंकड़ा 27 फीसदी है. इन सबसे अलग भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी बातचीत जारी है. गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी दी गइ है. अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि टैरिफ के बाद जब व्यापार समझौता होगा तो क्या भारत कुछ खास चीजों जैसे ड्राई फ्रूट्स पर आयात शुल्क को खत्म कर देगा.
भारत अमेरिका से अखरोट, बादाम, सेब और क्रैनबेरी आयात करता है. माना जा रहा है कि जो स्थितियां इस समय बनीं हैं उनमें भारत की तरफ से या तो आयात शुल्क को कम करने या फिर इसे पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया जा सकता है. मामले पर नजर रखने वाले जानकारों की मानें तो भारत, अमेरिका के साथ गहरे व्यापारिक संबंध बनाना चाहता है. अधिकारियों की तरफ से बताया किया है कि अमेरिकी अखरोट और बादाम पर इंपोर्ट ड्यूटी में रियायत देने और क्रैनबेरी पर इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए बातचीत चल रही है.
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दोनों देशों के बीच इस साल के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता होगा. दोनों पक्षों ने साल 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा है. भारत की तरफ से बादाम पर 42-120 फीसदी और सेब पर 50 फीसदी स्टैंडर्ड ड्यूटी लगती है. जबकि अखरोट पर 100 से 120 फीसदी के बीच ड्यूटी लगाई जाती है. भारत की तरफ से चेरी और क्रैनबेरी पर 30 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाती है. भारत ने वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-नवंबर में अमेरिका से 614.5 मिलियन डॉलर के बादाम, 22.48 मिलियन डॉलर के सेब और 6.68 मिलियन डॉलर के क्रैनबेरी का आयात किया था.
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पिछले दिनों केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. साथ ही दोनों देश एक संतुलित समझौते की ओर काम कर रहे हैं. अधिकारियों की मानें तो भारत, अमेरिका की मांगों, खासकर कृषि क्षेत्र में अपने प्रस्तावों को सावधानी से तैयार कर रहा है. हालांकि, भारत डेयरी प्रॉडक्ट्स, चावल, गेहूं और मक्का जैसी कमोडीटीज पर शुल्क में कमी को लेकर सतर्क बना हुआ है.
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