देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और दूसरी तरफ किसान आंदोलन पार्ट 2 भी जारी है. लेकिन इसके बीच ही एक ऐसी घटना हुई है जिसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आने वाले श्रीगोंडा के ताकील गांव के रहने वाले सोमनाथ गोडसे और समीर शेख ने 13 मई को यानी मतदान वाले दिन एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. ये दोनों किसान अपने घरों से पोलिंग बूथ तक तो पहुंचे लेकिन वोट डालने को नहीं बल्कि विरोध प्रदर्शन के लिये. दोनों दोस्तों ने प्याज की बनी माला पहनी हुई थी तो वहीं शेख ने दूध का पूरा एक कैन भी अपने साथ लिया हुआ था.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए शेख ने कहा कि शुरुआत में लोग उन पर हंस रहे थे लेकिन यह उनका एक प्रतीकात्मक तरीका था जिसके तहत वह सरकार के खिलाफ अपनी भावनाओं को प्रदर्शित कर सकते थे. जिस जगह पर यह प्रदर्शन हो रहा था, उससे करीब 50 किलोमीटर दूर त्रिम्बाक बदगले ने भी कुछ ऐसा ही प्रदर्शन किया. दुमला गांव के रहने वाले बदगले का इन दोनों दोस्तों से कोई लेना-देना नहीं है. प्याज और दूध की कीमतों में आ रही गिरावट के साथ ही साथ किसान पानी के संकट से भी दुखी हैं.
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महाराष्ट्र के पारनेर, श्रीगोंडा और करजत जमाखेद विधानसभा क्षेत्रों में बने पोलिंग बूथ पर जितने भी गांव वाले इकट्ठा थे, उनके बीच यही चर्चा का विषय बना हुआ था. ऐसे में किसानों ने तय किया कि इस बार वो चुनावों में अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगे. प्याज की खेती करने वाले एक किसान ने बताया कि उसने सात रुपये किलो तक प्याज बेचा है और इस कीमत पर तो उन्हें लागत तक नहीं वापस नहीं मिलती. किसान की मानें तो खेती पर उन्होंने काफी निवेश किया था. सरकार से नाराज होने के चलते उन्होंने वोट न करने का फैसला किया.
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चुनाव आयोग की तरफ से 13 मई को दोपहर 12 बजे तक आए आंकड़ों के मुताबिक अहमदनगर लोकसभा सीट पर 62.67 फीसदी मतदान हुआ. रालेगांव में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना वोट सोमवार की सुबह डाला. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतदान सबसे जरूरी चीज है. उन्होंने गांव वालों से अपील की थी कि वो बड़ी तादाद में बाहर आए और विकास के लिए मतदान करें. महाराष्ट्र के कई गांवों में सोमवार दोपहर तक मतदान का प्रतिशत काफी खराब था. कई जगह पर लोग इस वजह से मतदान स्थल तक नहीं पहुंच पाएं क्योंकि उनके गांवों में वाहनों की उचित व्यवस्था नहीं है.
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