महाराष्ट्र में किसानों की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. विदर्भ के अकोला और अमरावती में किसानों पर दोहरी मार पड़ती नजर आ रही है. पहले तेज धूप के कारण फसलें जल रही थीं तो दूसरी ओर अब बेमौसम बारिश और तेज हवा के चलते खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं. मौसम की मार से किसानों का काफी नुकसान हो रहा है. पिछले 15 दिनों में चार बार बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, जिसमें हजारों हेक्टेयर खड़ी फैसलें बर्बाद हुई हैं. जिसके सर्वेक्षण का काम तो चल रहा है. लेकिन अपनी आंखों के सामने बेमौसम बारिश के चलते खराब होते पपीता, केले, मूंगफली और ग्रीष्मकालीन ज्वार जैसी फसलों को देखकर किसान परेशान हैं.
पिछले कई साल से बेमौसम बारिश या बारिश के दिनों में कम और ज्यादा बारिश के चलते मौसम का चक्र बिगड़ चुका है. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने से उनको आर्थिक तौर पर नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस समय कई जिलों में किसानों की खड़ी फसल तेज धूप के कारण जलती नजर आ रही है तो दूसरी ओर बेमौसम तूफानी हवा के बाद मूसलाधार बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं.
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बारिश के कारण किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा है. खरीफ सीजन का मौसम अब सिर्फ 20 दिन की दूरी पर है. उससे पहले किसानों को खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई की तैयारी करनी है. जिसके लिए पैसे की जरूरत है. लेकिन मौसम के ऐसे रवैये से किसान काफी परेशान हैं. अब किसानों का कहना है कि प्रशासन जल्दी सर्वे कर सरकार को नुकसान की रिपोर्ट भेजे और किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा मिले. खरीफ मौसम शुरू होने से पहले मुआवजा मिलेगा तो उनका काम आसान हो जाएगा.
नांदेड़, मुदखेड़, धर्माबाद, भोकर, किनवट, माहुर, उमरी और बिलोली तालुका में रिकॉर्ड बारिश हुई है. सुबह करीब चार बजे जिले के कई हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. बताया गया है कि इसी समय शाम 5 बजे बिजली गिरने से हदगांव तालुका के धानोरा के किसान रामराव गंगाराम वानखेड़े (उम्र 75 वर्ष) की मौत हो गई. इसी तरह बिलोली तालुका के डोनगांव खुर्द में बिजली गिरने से प्रशांत बालाजी कसाल्लू और बालाजी साइना कसाल्लू, दो गायों और एक बछड़े की मौत हो गई. धर्माबाद तालुका के जूनी के एक किसान देवराव संभाजी कदम की उनके खेत में चार बैलों के बीच बिजली गिरने से मौत हो गई.
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