केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने आज वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों, कृषि से जुड़े अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के विशेषज्ञों के साथ किसानों की आय बढ़ाने और बेहतर उत्पादन के लिए समीक्षा बैठक की. सर्किट हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को आगे बढ़ाने और किसानों के साथ बातचीत की गति करने की बात कही.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए जीनोम एडिटिंग, बीज उपचार, जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के लाभ को किसानों तक पहुंचाने और नकली खाद, अमानक बीज और पेस्टिसाइड जैसी समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए कार्ययोजना बनाए जाने की बात कही. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि देश में 16 हजार कृषि वैज्ञानिक हैं, जो शोध करते हैं और उन्नत क्वॉलिटी के बीज तैयार करते हैं.
उन्होंने ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इससे किसानों की जरूरतों के अनुसार शोध किया जा सकता है. शिवराज सिंह ने टमाटर की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, सूखे पाउडर और एक्सपोर्ट को बढ़ाने वाली फसलों का विकास करने, जैविक और परंपरागत खेती से उत्पादन के वैज्ञानिक तथ्यों पर डेटा जुटाने, जीन एडिटिंग पर तेजी से कार्य करने और ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ से मिले अनुभवों के आधार पर किसान और खेत की जरूरत के अनुसार शोध करने की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि कृषि की दशा ठीक करने के लिए नई वैरायटी, किसानों के इनोवेशन, उन्नत तकनीकों और खेतों में किसानों को होने वाली समस्या को दूर करने की दिशा में काम करना होगा. कृषि मंत्री चौहान ने देशभर में चलाए गए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से कृषि के क्षेत्र में कई काम किए जा रहे हैं और इससे खाद्यान उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
चौहान ने आईआईवीआर के वैज्ञानिकों से इस अभियान से मिले अनुभवों पर एक ब्रेन स्टॉर्मिंग करके किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे नवाचारों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर देना होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, उपज के नुकसान की भरपाई करने, उत्पादन के उचित दाम देने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम हो रहा है.
विभिन्न विभागों, केवीके और राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल के साथ तत्परता से किसान कल्याण के प्रयास जारी है. उन्होंने आगामी रबी सत्र के लिए क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार करने पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए सब्जी उत्पादन प्रणाली में अधिक लचीलापन लाना होगा. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और शोध संस्थानों के मध्य समन्वय का एक प्रभावी माध्यम बताते हुए किसानों तक तकनीक पहुंचाने की गति तेज करने पर जोर दिया.
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