महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या सालों से एक बड़ी समस्या बनी हुई है. पिछले 5 सालों में हजारों की संख्या में किसानों ने आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठाया, जिससे उनके परिवार तबाह हो गए. वहीं, अब कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के किसानों की आत्महत्या के विषय को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर किसानों की आत्महत्या के मामलों पर चिंता जताते हुए लिखा, “सोचिए.. सिर्फ 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली. क्या ये सिर्फ एक आंकड़ा है? नहीं. ये 767 उजड़े हुए घर हैं. 767 परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे. और सरकार? चुप है. बेरुख़ी से देख रही है.”
राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आगे लिखा कि किसान हर दिन कर्ज में और गहराई तक डूब रहा है. बीज-खाद और डीजल महंगे हैं. लेकिन MSP की कोई गारंटी नहीं है. जब वो कर्जमाफी की मांग करते हैं तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है. लेकिन जिनके पास करोड़ों हैं? उनके लोन मोदी सरकार आराम से माफ कर देती है. मोदी जी ने कहा था, किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे- आज हाल ये है कि अन्नदाता की ज़िंदगी ही आधी हो रही है. ये सिस्टम किसानों को चुपचाप और लगातार मार रहा है.
वहीं, राहुल गांधी के एक्स पोस्ट के बाद महाराष्ट्र काग्रेंस के नेता नानाभाई पटाेले ने भी केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामलों में महाराष्ट्र आगे चल रहा है. नानाभाई पटोले ने कहा कि जो आंकड़े सरकार ने जारी किए हैं, उससे ज्यादा आत्महत्याओं की घटनाएं हो रही हैं.
इस दौरान उन्होंने लातूर के बुजुर्ग किसान दंपती के वायरल वीडियो का जिक्र किया कि किस तरह से उन्होंने ट्रैक्टर या बैल न होने पर खुद ही हल जोता. इस मुद्दे को हमने विधानसभा में भी उठाया था. इसके बाद कृषि मंत्री किसान की मदद के लिए आगे आए. पटोले ने सवाल किया कि क्या सरकार चाहती है कि सभी किसान खुद बैल की जगह लगकर खेत जोतें? क्या तभी वे किसानों की मदद करेंगे? बता दें कि बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने किसानों की आत्महत्या और राज्य में सोयाबीन उत्पादकों को बकाया भुगतान न किए जाने के मुद्दों पर महाराष्ट्र विधानसभा से दो बार वॉकआउट कर दिया था.
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