मध्य प्रदेश में सोयाबीन के भाव को लेकर कई सप्ताह से चल रहे आंदोलन की धार तेज करने की तैयारी कर ली गई है. संयुक्त किसान मोर्चा (मध्य प्रदेश) के नेतृत्व में आंदोलन को लेकर 29 सितंबर रविवार को बैठक में कई बड़े निर्णय लिए हैं. किसान नेताओं ने कहा है कि अब केवल सोयाबीन के भाव की मांग ही नहीं उठाई जाएगी बल्कि धान और मक्का की सही कीमतों को लेकर किसान लामबंद होंगे. किसान नेता अव्यवस्थाओं को लेकर मंडियों और तुलाई केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश की सोयाबीन भाव आंदोलन को लेकर रविवार 29 सितंबर 2024 को बुलाई गई आपातकाल बैठक में किसान नेताओं ने किसानों के मुद्दों को लेकर लामबंद होने का ऐलान किया है. बैठक के दौरान वर्तमान में जो बारिश के चलते फसलों को हो रहे नुकसान के साथ ही किसानों की कटाई कार्यों में व्यस्तता के चलते आंदोलन के तय कार्यक्रमों की तारीखों पर फिर से विचार किया गया है.
एसकेएम नेताओं ने कहा कि पहले से तय कार्यक्रमों के अनुसार 24 से 30 सितंबर तक प्रत्येक गांव में मशाल जुलूस निकाला जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में किसान साथी एकजुट होकर अपने-अपने गांव में मशाल जुलूस निकाल रहे हैं और ग्रामीणों को उनके मुद्दों के लिए एक साथ लड़ाई लड़ने और मांगों को मनवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
1 अक्टूबर को प्रस्तावित पूरे प्रदेश में तहसील व जिला स्तर पर 12 से 3 बजे तक स्टेट व नेशनल हाईवे पर चक्का जाम को लेकर अंतिम फैसला लिया जाना है. कहा गया कि बारिश से फसलों को जो नुकसान हो रहा है. इसलिए किसान फसलों की कटाई में व्यस्तता हैं. इसको देखते हुए यह तय किया गया है कि चक्का जाम कार्यक्रम को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. अब अगली बैठक में उस पर विचार किया जाएगा.
एसकेएम के अनुसार सर्व सहमति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि 1 अक्टूबर को प्रस्तावित चक्का जाम फिलहाल के लिए स्थगित किया जा रहा है. जबकि, बाकी कार्यक्रम गांव स्तर पर पहले की तरह ही बिना बदलाव के जारी रहेंगे. एसकेएम की ओर से कहा गया कि किसान नेताओं ने तय किया है कि अब आंदोलन केवल सोयाबीन फसल की कीमत को लेकर नहीं होगा, बल्कि धान और मक्का के भाव को लेकर भी सामूहिक रूप से भाव आंदोलन चलाया जाएगा.
फसल भाव आंदोलन के तहत किसान अपनी फसलों के वाजिब दाम को लेकर लड़ाई लड़ेंगे. सोयाबीन का दाम 6000 रुपये प्रति कुंटल करने की मांग के साथ ही धान और मक्का के वाजिब दाम की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में मुहिम को तेज किया जाएगा साथ ही आंदोलन का अगला पढ़ाव अब मंडी एवं तुलाई केंद्रों को बनाया जाएगा. खरीफ फसलों की खरीद के लिए बनाए गए क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाओं की शिकायतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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