हिसार स्थित हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एचएयू) में छात्रों का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने मंगलवार को कुलपति बीआर कंबोज को हटाने की अपनी प्रमुख मांग दोहराई और धमकी दी है कि अगर यह शर्त और बाकी शर्तें पूरी नहीं की गईं तो 27 जून को यूनिवर्सिटी के सारे गेट बंद कर दिए जाएंगे. यह प्रदर्शन पिछले दो हफ्तों से जारी है. यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 4 के बाहर आयोजित 'छात्र न्याय महापंचायत' विरोध प्रदर्शन में विपक्षी नेताओं, किसान संघों, छात्र संगठनों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. साथ ही सभी ने छात्रों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है.
पिछले हफ्ते राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई एक समिति के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद, छात्र अपने रुख पर अड़े हुए हैं. उनका आरोप है कि कुलपति ने हाल ही में प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज का आदेश दिया था और उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष जांच में बाधा आएगी. प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, 'महापंचायत ने फैसला किया है कि अगर सरकार 26 जून तक हमारी मांगों का समाधान नहीं करती है तो 27 जून को हम एचएयू के सभी गेट बंद कर देंगे.' उन्होंने आगे कहा, 'हम यूनिवर्सिटी में चक्का जाम करेंगे.' छात्रों ने छात्रवृत्ति नियमों में बदलाव को लेकर 10 जून को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हमले में शामिल यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर और बाकी लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग की है. छात्रों का कहना है कि इसमें कई छात्र घायल हो गए थे.
वहीं पिछले हफ्ते हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छात्रों के साथ चर्चा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. इनका आरोप है कि पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए छात्रवृत्ति पात्रता मानदंडों को वापस लेने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी सिक्योरिटी की तरफ से उन पर हमला किया गया था. सरकार की तरफ से बनाई गई समिति में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और नलवा विधायक रणधीर पनिहार शामिल हैं.
महापंचायत को संबोधित करने वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कुलपति को हटाकर ही इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है. टिकैत ने कहा, 'हम छात्र समिति द्वारा लिए गए निर्णय के साथ हैं, जो कुलपति को हटाने की मांग कर रही है. एचएयू के छात्रों के साथ जो हुआ वह गलत है. अगर एचएयू के गार्ड और शिक्षक छात्रों की पिटाई करते हैं, तो यह किस तरह का न्याय है.' उन्होंने कहा, 'जब तक कुलपति को नहीं हटाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.' टिकैत का कहना था कि पहले तो सरकार ने किसानों पर लाठियां चलाईं, अब छात्रों की बारी है. यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कुलपति को जाना चाहिए.
महापंचायत में मौजूद भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के नेता और विधायक अर्जुन चौटाला, कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला और जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला और बीकेयू (चरुनी) प्रमुख गुरनाम सिंह चरुनी समेत राजनीतिक नेताओं ने भी प्रदर्शनकारी छात्रों को अपना समर्थन दिया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी छात्रों का समर्थन किया और वीडियो कॉल के जरिए उनसे बात की. इस बीच, समिति के सदस्यों ने कहा कि वे छात्रों की अधिकांश मांगों से सहमत हैं लेकिन कुलपति को हटाने की जिद 'राजनीतिक ताकतों' की तरफ से भड़काई जा रही है. बेदी ने कहा, 'कुछ राजनीतिक ताकतें उन्हें गुमराह कर रही हैं.'
इस प्रदर्शन के बीच ही एचएयू अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को परीक्षाएं पूरी हो गई हैं. विश्वविद्यालय के तहत आने वाले कई कॉलेजों में 319 छात्र निर्धारित परीक्षाओं में शामिल हुए. यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर डॉक्टर राजबीर गर्ग ने कहा कि एचएयू के तहत आने वाले कई कॉलेजों के छात्र अपनी नियमित परीक्षाओं में शामिल हुए. उन्होंने यह भी दावा किया कि एमएससी और पीएचडी के छात्रों ने अपने शोध-संबंधी कार्य जारी रखे.
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