सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून के साथ किसानों की समस्याओं और मांगों को लेकर किसान नेताओं ने आंदोलन कार्यक्रम जारी कर दिया है. 22 जुलाई को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक में किसान आंदोलन की रणनीति जारी की गई. किसान नेताओं ने कहा कि 1 अगस्त से 22 सितंबर तक अलग-अलग दिनों में प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इनमें से 1 अगस्त को मोदी सरकार अर्थी जलाई जाएगी और 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन 22 जुलाई को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुआ. सम्मेलन में किसानों की समस्याओं और किसानों की मांगों को लेकर मंथन किया गया. इसके बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि किसान 1 अगस्त को मोदी सरकार की अर्थी जलाएंगे. इसके लिए किसानों से शंभु, सिंघु बॉर्डर समेत दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने की अपील की है.
राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब-हरियाणा बॉर्डर खुलते ही ट्रैक्टर में सामान भरकर हम दिल्ली की तरफ आयेंगे. दिल्ली में किसान डेरा डालेंगे और अपनी मांगों को पूरी कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे. बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बीती 10 जुलाई को राज्य सरकार को आदेश दिया है कि शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग हटाकर हाईवे को आवागमन के लिए खोल दिया जाए. हाईकोर्ट की बेंच ने हरियाणा पुलिस की लगाई गई सात लेयर की बैरिकेडिंग को एक हफ्ते के अंदर हटाया जाए. कोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की है.
दोनों किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि जिला मुख्यालयों पर सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
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