Budget 2025 को लेकर राकेश टिकैत का केंद्र पर हमला, कहा- किसानों को सिर्फ कर्ज मिला, यह पूंजीपतियों का बजट

Budget 2025 को लेकर राकेश टिकैत का केंद्र पर हमला, कहा- किसानों को सिर्फ कर्ज मिला, यह पूंजीपतियों का बजट

किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एमएसपी गारंटी कानून और C2 + 50 फार्मूले की मांग कर रहे देश के किसानों को बजट में सिर्फ कर्ज मिला है. यह कॉरपोरेट पूंजीपत्तियों का बजट है. पूरे देश के अन्नदाता आशा लगा रहे थे कि शायद इस बजट में कुछ ऐसा होगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले वर्ग को राहत मिलेगी.

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Budget 2025 को लेकर राकेश टिकैत का केंद्र पर हमला, कहा- किसानों को सिर्फ कर्ज मिला, यह पूंजीपतियों का बजटकिसान नेता राकेश टिकैत. (फाइल फोटो)

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया. बजट में खेती-किसानी के लिए कुछ बड़ी घोषणाए़ं हुई तो वहीं, कुछ पहलू अनछुए रहे. बजट पूर्व बैठकों में किसान संगठनों ने नए फॉर्मुले के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी और पीएम किसान सम्‍मान नि‍ध‍ि की राशि डबल करने की मांग उठाई थी, लेकिन बजट में इन विषयों को संबोध‍ित नहीं किया गया. इस बीच, कई किसान नेताओं ने बजट पर प्रतिक्रिया दी है. जानिए भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने क्‍या कहा. 

'देश के अन्‍नदाताओं को थी कुछ राहत की उम्‍मीद'

किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एमएसपी गारंटी कानून और C2 + 50 फार्मूले की मांग कर रहे देश के किसानों को बजट में सिर्फ कर्ज मिला है. यह कॉरपोरेट पूंजीपत्तियों का बजट है. केंद्र सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. पूरे देश के अन्नदाता आशा लगा रहे थे कि शायद इस बजट में कुछ ऐसा होगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले वर्ग को राहत मिलेगी. लेकिन, उनके हिस्से में सिर्फ कर्ज आया. बता दें कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड पर सस्‍ते ब्‍याज पर मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. 

'गांव में रहने वाले परिवारों पर महंगाई का बोझ'

राकेश टिकैत ने कहा कि बजट में गांव, गरीब, किसान,आदिवासी के लिए कुछ नहीं है. ये लोग सरकारों के आंकड़ों में नजर आते हैं, लेकिन मूल आधारित ढांचे से मीलों दूर हैं. बढ़ती हुई महंगाई ग्रामीण परिवारों पर बोझ बन रही है, जिससे उनके बच्चों की शिक्षा पर गहरा असर पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार फसलों के भाव न देकर किसानों को कर्ज लेने पर मजबूर कर रही है. कुछ समय में यह कर्ज बढ़ता चला जाएगा और जमीन कॉर्पोरेट्स के हवाले हो जाएगी.

पुराने बजट को नए लिबास में पेश किया गया है: टिकैत

टिकैत ने कहा कि आज के बजट से यह प्रतीत होता है कि एमएसपी गारंटी कानून और C2 + 50 फार्मूले की मांग कर रहे देश के किसान को बजट में सिर्फ कर्ज मिला है. यह कॉरपोरेट पूंजीपत्तियों का बजट है. शिक्षा और चिकित्सा भी सिर्फ आंकड़ों में नजर आती है. जमीनी स्तर से इसका कोई लेना-देना नहीं है. सरकार आज नए लिबास में पुराने बजट में थोड़ा बहुत बदलाव करके पेश करने के लिए लेकर आई थी. यह बजट आशा से निराशा की ओर लेकर गया है. किसान-मजदूर के लिए यह बजट मात्र छलावा है. देश के किसान इस बजट को सिरे से नकारते हैं. सरकार ने फिर से एक बार किसानों के साथ विश्वासघात किया है.

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