दूसरे राज्यों में आलू बेचने पर लगा प्रतिबंध हटाए बंगाल सरकार, वर्ना हड़ताल करेंगे...व्यापारियों ने दी धमकी

दूसरे राज्यों में आलू बेचने पर लगा प्रतिबंध हटाए बंगाल सरकार, वर्ना हड़ताल करेंगे...व्यापारियों ने दी धमकी

बंगाल सरकार के फैसले के बाद, पुलिस ने राज्य से बाहर आलू की खेप भेजने को रोकने के लिए राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है. इसके कारण कई ट्रक सीमा पार से फंसे हुए हैं. प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ के सचिव लालू मुखर्जी ने बताया, "अगर सरकार प्रतिबंध नहीं हटाती है तो हम मंगलवार से हड़ताल पर चले जाएंगे."

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दूसरे राज्यों में आलू बेचने पर लगा प्रतिबंध हटाए बंगाल सरकार, वर्ना हड़ताल करेंगे...व्यापारियों ने दी धमकीबंगाल सरकार ने आलू की खेप सप्लाई करने पर लगाई रोक

पश्चिम बंगाल के आलू व्यापारियों ने धमकी दी है कि अगर राज्य सरकार दूसरे राज्यों को आलू बेचने पर प्रतिबंध नहीं हटाती है तो वे मंगलवार को हड़ताल पर चले जाएंगे. पश्चिम बंगाल ने हाल ही में स्थानीय बाजारों में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पड़ोसी राज्यों को आलू बेचने पर प्रतिबंध फिर से लगा दिया है. स्थानीय बाजारों में आलू 35-40 रुपये प्रति किलो पर बिक रहा है.

बंगाल सरकार के फैसले के बाद, पुलिस ने राज्य से बाहर आलू की खेप भेजने को रोकने के लिए राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है. इसके कारण कई ट्रक सीमा पार से फंसे हुए हैं. प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ के सचिव लालू मुखर्जी ने बताया, "अगर सरकार प्रतिबंध नहीं हटाती है तो हम मंगलवार से हड़ताल पर चले जाएंगे."

क्या कहते हैं आलू व्यापारी?

बंगाल के कृषि मार्केटिंग राज्य मंत्री बेचाराम मन्ना ने सोमवार दोपहर आलू व्यापारी संघ के साथ बैठक की, जिसके बाद संघ ने धमकी दी थी कि अगर सरकार ने अन्य राज्यों को आलू बेचने पर प्रतिबंध नहीं हटाया तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.

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“हमारे पास वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कोल्ड स्टोरेज में अतिरिक्त आलू है. इसलिए, हमने सरकार से आग्रह किया कि वह चरणबद्ध तरीके से अन्य राज्यों को कम से कम कम क्वालिटी वाले आलू बेचने की अनुमति दे. हालांकि, मंत्री ने कहा कि वह अकेले यह निर्णय नहीं ले पाएंगे क्योंकि उन्हें इस मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चर्चा करने की जरूरत है. मन्ना ने हमसे हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया. हमने उन्हें बताया कि हमें अपने अगले कदम के बारे में अपनी समिति के सदस्यों से भी बात करने की जरूरत है,” पश्चिम बंग प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के सचिव लालू मुखर्जी ने बताया.

लालू मुखर्जी के अनुसार, वर्तमान में राज्य के कोल्ड स्टोरेज में लगभग 6-6.5 लाख मीट्रिक टन आलू है और दिसंबर में राज्य को खपत के लिए लगभग 3.5-4 लाख मीट्रिक टन आलू की जरूरत होगी. व्यापारियों ने कहा कि थोक और खुदरा कीमतों में काफी अंतर है और थोक मूल्य 27-28 रुपये प्रति किलो के आसपास बना हुआ है.

बंगाल ने क्यों रोकी खेप?

पश्चिम बंगाल हर साल दूसरे राज्यों को करीब 20-25 लाख टन अतिरिक्त आलू बेचता है. ओडिशा, बिहार, झारखंड और असम जैसे राज्य बंगाल में उगाए जाने वाले आलू पर निर्भर हैं. एक व्यापारी ने कहा, "आलू की कुछ खास किस्में हैं जिन्हें बंगाल के लोग नहीं खाते. ये आलू आम तौर पर दूसरे राज्यों को बेचे जाते हैं."

पश्चिम बंगाल की ओर से अन्य राज्यों को आलू की आपूर्ति रोकने के बाद झारखंड के खुदरा बाजार में आलू की कीमत में उछाल आया है. बंगाल आम तौर पर साल भर झारखंड की आलू की मांग का लगभग 60 परसेंट पूरा करता है, जबकि बाकी मांग उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और स्थानीय उत्पादन से पूरी होती है.

ओडिशा का भी विरोध

दूसरी ओर, ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार आलू की आपूर्ति को लेकर राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल मछली और अन्य चीजों के लिए भी दूसरे राज्यों पर निर्भर है. अगर ओडिशा चाहे तो माल ढोने वाली गाड़ियों को अपनी सीमा पर भी रोक सकता है. लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं."

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उन्होंने कहा, "हमने राज्य में लोगों को पर्याप्त मात्रा में आलू की आपूर्ति के लिए व्यवस्था की है. उत्तर प्रदेश से आलू की आवक शुरू हो गई है. इसके अलावा पंजाब से भी आलू मंगाया जा सकता है." एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड में आलू की कीमत में 5 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है.

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से बातचीत करने का आग्रह किया, क्योंकि राज्य के लोग आलू की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल कृषि मार्केटिंग बोर्ड ने कोल्ड स्टोरेज में आलू के स्टोरेज की अवधि एक महीने बढ़ाकर साल के अंत तक कर दी है. कोल्ड स्टोरेज अधिकारियों के अनुसार, इस साल उनके स्टॉक में कुल 63.5 लाख टन आलू में से लगभग 6.5 लाख टन आलू बिना बिके रह गया है.

 

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