पाकिस्तान पर बड़ा खतरा! सिंधु में भारत का छोटा सा बदलाव तबाह कर देगा पड़ोसी देश के किसानों को

पाकिस्तान पर बड़ा खतरा! सिंधु में भारत का छोटा सा बदलाव तबाह कर देगा पड़ोसी देश के किसानों को

भारत पानी के बहाव को पूरी तरह से रोक या मोड़ नहीं सकता. लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण समय, जैसे गर्मी, में डैम ऑपरेशन में मामूली सा भी बदलाव पाकिस्तान के घनी आबादी वाले मैदानी इलाकों पर बड़ा असर डाल सकता है. पाकिस्‍तान के किसान 80 फीसदी सिंचित कृषि के लिए सिंधु बेसिन पर ही निर्भर हैं.

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पाकिस्तान पर बड़ा खतरा! सिंधु में भारत का छोटा सा बदलाव तबाह कर देगा पड़ोसी देश के किसानों कोभारत का एक छोटा सा फैसला और पाकिस्‍तान पर आएगी बड़ी मुसीबत

पाकिस्तान को पानी की कमी के गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है. भारत के पास अपनी तकनीकी क्षमता के भीतर सिंधु नदी के बहाव को बदलने की क्षमता है. पाकिस्‍तान की 80 फीसदी खेती सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है. ऐसे में अगर भारत कोई भी फैसला लेता है तो पाकिस्‍तान खतरे में आ सकता है. सिडनी स्थित एनजीओ इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) की इस रिपोर्ट में पाकिस्‍तान पर बढ़ते खतरे के बारे में बताया गया है. 

भारत ने क्यों स्‍थगित की संधि 

भारत ने इस साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद साल 1960 में साइन की गइ सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित कर दिया था. इसके कुछ ही महीनों बाद इस रिपोर्ट को जारी किया गया है. संधि को स्थगित रखने के कारण, भारत वर्तमान में आईडब्ल्यूटी के तहत अपने जल-बंटवारे के दायित्वों से बंधा नहीं है. साल 1960 के समझौते के तहत, भारत ने पश्चिमी नदियों, सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करने की मंजूरी दी थी. जबकि व्यास, रावी और सतलुज सहित पूर्वी नदियों पर अपने उपयोग के लिए नियंत्रण बनाए रखा था. 

बर्बाद हो जाएंगे किसान 

भारत पानी के बहाव को पूरी तरह से रोक या मोड़ नहीं सकता. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण समय, जैसे गर्मी, में डैम ऑपरेशन में मामूली सा भी बदलाव पाकिस्तान के घनी आबादी वाले मैदानी इलाकों पर बड़ा असर डाल सकता है. पाकिस्‍तान के किसान 80 फीसदी सिंचित कृषि के लिए सिंधु बेसिन पर ही निर्भर हैं. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान की स्‍टोरेज कैपेसिटी नदी के बहाव के करीब 30 दिनों तक सीमित है, जिससे उसे मौसमी कमी का खतरा बना रहता है. 

खेती पर आएगी बड़ी मुसीबत 

मई में, भारत ने पाकिस्तान को सूचित किए बिना चिनाब नदी पर सलाल और बगलिहार बांधों में जलाशयों की सफाई की. इसके बाद, पाकिस्तान में चिनाब नदी के किनारे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.  इससे सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद नदी प्रबंधन पर नई दिल्ली की रणनीतिक पकड़ का पता चलता है.

आईईपी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर गलत समय पर छोटी-छोटी बाधाएं आईं तो फिर पाकिस्‍तान में खेती पर गंभीर संकट आ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, 'पाकिस्तान के लिए खतरा गंभीर है. अगर भारत सचमुच सिंधु नदी के बहाव को रोक दे या उसमें उल्लेखनीय कमी कर दे, तो पाकिस्तान के घनी आबादी वाले मैदानी इलाकों को, विशेष रूप से सर्दियों और शुष्क मौसम में, पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ेगा.'  

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