दिनभर हंगामे के बाद हफ्ते भर के लिए माने नोएडा के किसान, जानें कैसे बनी बात

दिनभर हंगामे के बाद हफ्ते भर के लिए माने नोएडा के किसान, जानें कैसे बनी बात

रविवार को जब किसानों की बातचीत ऑथोरिटी के साथ विफल हुई तब उन्होंने ऐलान किया कि 2 दिसंबर यानी सोमवार को वे अपनी बात केंद्र सरकार को सुनाने के लिए दिल्ली की तरफ कूच करेंगे. ठीक 12 बजे किसानों का जमावड़ा दिल्ली के बॉर्डर से लगभग 4 किलोमीटर दूर महामाया फ्लाईओवर के पास लगना शुरू हो गया. देखते-देखते हजारों किसान इकट्ठा हो गए जिनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी थीं.

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दिनभर हंगामे के बाद हफ्ते भर के लिए माने नोएडा के किसान, जानें कैसे बनी बातनोएडा बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन

दिनभर नोएडा की सड़कों पर हंगामा बरपता रहा. किसान दिल्ली की और कूच कर रहे थे और उनकी तादाद हजारों में थी. लेकिन शाम होते होते एक आंशिक कामयाबी मिली और प्रशासन के अधिकारी किसान नेताओं को सड़क से हटने के लिए मनाने में कामयाब रहे. लेकिन उससे पहले किसानों का जत्था लगभग दो किलोमीटर पैदल मार्च कर चुका था और इस दौरान दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के बीच एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद पड़ा हुआ था.

12 से 3 बजे तक नोएडा की सड़कों पर क्या हुआ

रविवार को जब किसानों की बातचीत ऑथोरिटी के साथ विफल हुई तब उन्होंने ऐलान किया कि 2 दिसंबर यानी सोमवार को वे अपनी बात केंद्र सरकार को सुनाने के लिए दिल्ली की तरफ कूच करेंगे. ठीक 12 बजे किसानों का जमावड़ा दिल्ली के बॉर्डर से लगभग 4 किलोमीटर दूर महामाया फ्लाईओवर के पास लगना शुरू हो गया. देखते-देखते हजारों किसान इकट्ठा हो गए जिनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी थीं. 

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थोड़ी देर आपस में विचार विमर्श करने के बाद सारे किसान दिल्ली की तरफ आगे बढ़ने लगे. देखते देखते उन्होंने दो बैरिकेड को तोड़ डाला और आखिरकार राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पहुंच गए. सभी के हाथों में अलग-अलग यूनियन के झंडे थे और सिर पर टोपी. दलित प्रेरणा स्थल पर लगभग डेढ़ बजे किसानों ने धरना देना शुरू किया और कहा कि सरकार बात सुनने को राजी नहीं हो रही है.

2 बजे अधिकारियों की फौज किसानों को मनाने पहुंची

किसानों की समस्या नोएडा और आसपास की जुड़ी तीनों अथॉरिटी से थी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के आला अधिकारी किसानों से बातचीत करने दलित प्रेरणा स्थल के सामने वाली सड़क पर बैठ गए. बातचीत खास तौर पर दो मुद्दों पर थी. पहला मुद्दा कि जो अधिग्रहित जमीन किसानों से ली गई है, उसका 10% डेवलप्ड एरिया किसानों को दिया जाए. और दूसरा यह कि जो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में पास किया गया था उसे नोएडा और आसपास के इलाकों में भी लागू किया जाए ताकि किसानों को ज्यादा मुआवजा मिले. 

जो अधिकारी बातचीत करने आए वह इतने सीनियर नहीं थे कि इन दोनों बातों पर कोई लिखित आश्वासन दे पाते. इसलिए यह वादा किया गया कि मुख्य सचिव स्तर की वार्ता इसी हफ्ते होगी और तब तक किसान सड़क से हट जाएंगे.

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जानिए अब आगे क्या होगा?

किसानों और अधिकारियों के बीच सहमति यह बनी है कि मुख्य सचिव से बातचीत अगले एक हफ्ते के भीतर होगी. तब तक किसान आंदोलनकारी सड़क से सटे दलित प्रेरणा स्थल के अंदर बैठेंगे और धरना देते रहेंगे. अगर बातचीत सफल होती है तो वह घर वापस जाएंगे, नहीं तो दोबारा दिल्ली कूच किया जाएगा. फिलहाल नोएडा एक्सप्रेसवे ट्रैफिक के लिए 4 बजे से चालू कर दिया गया है. दिनभर की उठापटक के बाद एक्सप्रेसवे पर कुछ राहत मिली है और ट्रैफिक को सुचारू किया गया है.

 

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