किसानों को कृषि-उद्यमी बनाने की जरूरत, बीजेपी सांसद ने लोकसभा में उठाई ये बड़ी मांग

किसानों को कृषि-उद्यमी बनाने की जरूरत, बीजेपी सांसद ने लोकसभा में उठाई ये बड़ी मांग

बीजेपी सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटल एकीकरण और व्यापार विस्तार के माध्यम से कृषि को मजबूत करने की जरूरत है. जिंदल ने भारतीय किसानों को वैश्विक स्तर पर खेती और निर्यात करने में सक्षम बनाने के लिए विदेशों में कृषि भूमि खरीदने जैसी पहल का भी प्रस्ताव रखा.

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किसानों को कृषि-उद्यमी बनाने की जरूरत, बीजेपी सांसद ने लोकसभा में उठाई ये बड़ी मांगकुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल. (फोटो-एएनआई)

देश के किसानों को खेती के साथ-साथ कृषि-उद्यमी बनाने की मांग तेजी से उठ रही है. कई किसान खुद से पहल कर अपने जीवन की द‍िशा बदल रहे हैं. इस बीच, कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल ने शुक्रवार को लोकसभा में भारतीय किसानों को कृषि-उद्यमी बनाने और कृषि को लाभदायक और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी क्षेत्र बनाने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया. जिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटल एकीकरण और व्यापार विस्तार के माध्यम से कृषि को मजबूत करने की जरूरत है. जिंदल ने भारतीय किसानों को वैश्विक स्तर पर खेती और निर्यात करने में सक्षम बनाने के लिए विदेशों में कृषि भूमि खरीदने जैसी पहल का भी प्रस्ताव रखा.

जिंदल ने कहा कि सरकार को कृषि प्रोत्साहन देने वाले देशों के साथ साझेदारी पर विचार करना चाहिए. इससे भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, वैश्विक व्यापार बढ़ेगा और भारतीय किसानों को बड़े बाजारों और निवेश के अवसरों तक पहुंच मिलेगी. जिंदल ने किसानों को कृषि-उद्यमी के रूप में पहचानने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो मूल्य संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और नवाचार में संलग्न होने में सक्षम हैं.

'वैज्ञानिक खेती के तरीकों पर जोर देने की जरूरत'

जिंदल ने उत्पादन, भंडारण, परिवहन, खुदरा और उपभोक्ता वितरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि परिवर्तन के लिए पांच-स्तंभ दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की. उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीक, उच्च उपज वाली फसलों और वैज्ञानिक खेती के तरीकों को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए आधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं, वेयरहाउसिंग और अनाज बैंकों के विकास का आह्वान किया. ग्रामीण सड़क नेटवर्क, लॉजिस्टिक्स और रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत करना एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला के लिए आवश्यक बताया गया.

'बिचौलियों का हस्‍तक्षेप खत्‍म करने की जरूरत'

उन्होंने बिचौलियों का हस्‍तक्षेप खत्म करने के लिए किसानों से सीधे बाजार तक संपर्क, डिजिटल प्लेटफॉर्म और उचित मूल्य निर्धारण नीतियों की भी वकालत की. अंत में, उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि बेहतर वितरण तंत्र के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती कृषि उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचें.

उन्‍होंने कहा कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. उन्हें कृषि-उद्यमी के रूप में फिर से परिभाषित करने और उन्हें फलने-फूलने के लिए आवश्यक संसाधनों, तकनीक और नीतियों से लैस करने का समय आ गया है. एक समृद्ध किसान का मतलब एक समृद्ध राष्ट्र है.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण विकास और सतत आर्थिक वृद्धि में ग्‍लोबल लीडर बनाने के लिए कृषि को मजबूत करना महत्वपूर्ण है. जिंदल ने अपने संबोधन का समापन कृषि में साहसिक सुधारों का आह्वान करते हुए किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को उचित मूल्य, निर्यात के अवसर और आधुनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच मिले. (एएनआई)

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