कर्जमाफी, फसलों के वाजिब दाम, विधवा पेंशन, आदिवासी मानधन योजना जैसी 7 प्रमुख मांगों को लेकर पूर्व मंत्री बच्चू कडू के अन्नत्याग आंदोलन के सातवें दिन उन्होंने भूख हड़ताल के फैसले को स्थगित कर दिया. उन्होंने यह फैसला महाराष्ट्र सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद लिया. साथ ही उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि कल होने वाले चक्का जाम को भी स्थगित कर दिया गया है. हालांकि उन्होंने कहा कि मांगें पूरी न होने तक यह आंदोलन थमने वाला नहीं है. राज्य सरकार को 2 अक्टूबर का अल्टीमेटम दिया गया है.
मालूम हो कि राज्यभर से कडू के आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है. हालांकि, सरकार की ओर से अब तक मांगों को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है, जिसके चलते आंदोलन का दायरा काफी बढ़ गया. हाल ही में किसानों की कर्जमाफी के फैसले में हो रही देरी के चलते संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुणे में डीसीएम अजीत पवार की रैली में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सभा में तनाव बढ़ गया.
बच्चू कडू ने शुक्रवार को राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 15 जून तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो वे 16 जून से जल त्याग देंगे और अनशन कर आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि कर्जमाफी का निर्णय सरकार को बहुत पहले लेना चाहिए था, मगर अब तक न रिपोर्ट की तारीख बताई गई है, न ही अमल की योजना. उन्होंने कहा कि सरकार अब कर्जमाफी पर बात जरूर कर रही है, लेकिन कब करेगी इसका जवाब नहीं दे रही है. यह आंदोलन मेरी सेहत पर असर डाल रहा है, मेरी तबीयत बिगड़ रही है, लेकिन सरकार अब भी गंभीर नहीं दिख रही. पुणे में मेरे एक कार्यकर्ता पर हमला भी हुआ है, यह चिंता का विषय है. हालांकि सीएम से फोन पर बातचीत और लिखित आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन नहीं करने का फैसला लिया है.
बच्चू कडू ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि जब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक वे कोई नया आंदोलन न करें. कडू ने कहा कि सरकार की ओर से गुरुवार को पालकमंत्री रवींद्र वायकर गुरकुंज मोझरी पहुंचे थे और मुख्यमंत्री फडणवीस से बच्चू कडू की फोन पर चर्चा करवाई गई थी. वहीं, शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले कडू से मिलने धरनास्थल पहुंचे थे. उन्होंने कडू को लिखित आश्वासन दिया था.
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