महाराष्ट्र के अमरावती में किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी, दिव्यांगों, विधवाओं और मजदूरों की समस्याओं को लेकर मोजरी में जारी आंदोलन ने गुरुवार को उग्र रूप ले लिया. पूर्व राज्य मंत्री और प्रहार जनशक्ती पक्ष के अध्यक्ष बच्चू कडू द्वारा पिछले 5 दिनों से किए जा रहे "अन्यत्याग आंदोलन" के समर्थन में उनके कार्यकर्ताओं ने आज मुंबई-कोलकाता राष्ट्रीय महामार्ग (NH-53) पर टायर जलाकर जाम कर दिया.
प्रहार कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और साफ कहा कि "जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन और उग्र होगा." प्रहार कार्यकर्ताओं ने जिन मांगों पर अपना आंदोलन जारी रखा है, उनमें किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी, दिव्यांगों को विशेष पेंशन और योजना, विधवाओं और श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा आदि शामिल हैं.
गुरुवार सुबह राष्ट्रीय महामार्ग पर प्रहार कार्यकर्ताओं ने टायर जलाए और रास्ता रोको आंदोलन किया. बीते दिन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पोस्टर जलाकर विरोध जताया गया था. कई कार्यकर्ता किसान मोबाइल टावर पर चढ़ गए और शहर में बंद का आह्वान कर निषेध जताया. अकोला में भी बुधवार को मुख्यमंत्री के काफिले को काले झंडे दिखाकर विरोध किया गया.
अकोला में मुख्यमंत्री की सभा के बाद जैसे ही उनका काफिला अकोला क्रिकेट क्लब मैदान से अकोला एयरपोर्ट की ओर रवाना हुआ, उसी दौरान प्रहार जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ता और कुछ किसान अचानक फ्लाईओवर की ओर दौड़ पड़े और काले झंडे और काले कपड़े लहराकर विरोध जताने की कोशिश की.
प्रहार कार्यकर्ताओं और किसानों की मांग थी कि पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा अमरावती जिले के मोझरी में शुरू किए गए अन्नत्याग आंदोलन की सभी मांगें तत्काल स्वीकार की जाएं, जिसमें प्रमुख रूप से किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी, दिव्यांगों के अटके मानधन की भुगतान और गरीबों के हक के मुद्दे शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों को समय रहते ही पुलिस ने रोक लिया और सड़क किनारे बैठाकर हिरासत में ले लिया.
प्रदर्शन के दौरान एक कार्यकर्ता ने पुलिस के समक्ष कहा, “हम किसान हैं, तीन लाख रुपये का कर्ज हमारे सिर पर है. दिव्यांगों को महीनों से मानधन नहीं मिला. हम अपने हक और न्याय के लिए लड़ रहे हैं और आप हमें मारपीट कर हिरासत में लेते हो?” कुछ देर बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को वाहनों में बैठाकर मौके से हटा दिया. इस पूरी घटना के चलते कुछ समय के लिए इलाके में हलचल और तनाव का माहौल बन गया, लेकिन पुलिस की तत्परता से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई.
प्रहार कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चू कडू के आंदोलन को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन गंभीर नहीं है. उनकी मांगों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जा रहा, इसलिए कार्यकर्ता अब आक्रामक हो रहे हैं. प्रहार संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अब भी आंदोलन को हल्के में लिया, तो राज्यभर में तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा. आज भी अमरावती सहित कई स्थानों पर प्रहार कार्यकर्ता आंदोलन के लिए एकजुट हो रहे हैं. बच्चू कडू का यह आंदोलन अब सिर्फ व्यक्तिगत या क्षेत्रीय नहीं रहा, बल्कि यह पूरे महाराष्ट्र के किसानों और पीड़ित वर्गों की आवाज बनता जा रहा है.
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