गन्‍ना किसानों-चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक के बाद कर्नाटक CM का बयान जारी, केंद्र पर साधा निशाना

गन्‍ना किसानों-चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक के बाद कर्नाटक CM का बयान जारी, केंद्र पर साधा निशाना

कर्नाटक में गन्ना किसानों के आंदोलन का आज 8वां दिन है. CM सिद्धारमैया ने किसानों और चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक की. इसके बाद सीएम का बयान सामने आया है. सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

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गन्‍ना किसानों-चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक के बाद कर्नाटक CM का बयान जारी, केंद्र पर साधा निशानासीएम सिद्धारमैया (फोटो-एएनआई)

कर्नाटक में गन्ना किसानों के चल रहे आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2019 से अब तक गन्ना किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं बढ़ाया है और न ही इथेनॉल की दरों में कोई बढ़ोतरी की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कई बार प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को पत्र लिखे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. सिद्धारमैया ने शुक्रवार को विधानसभा में गन्ना किसानों और शुगर फैक्ट्री मालिकों के साथ बैठक की.

पीएम मुझसे बात नहीं कर रहे: सीएम सिद्धारमैया

बैठक में फैक्ट्री मालिकों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार को पत्र लिखकर MSP बढ़ाने की मांग दोहराएं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं पहले ही प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को पत्र भेज चुका हूं, लेकिन अब तक MSP में कोई बढ़ाेतरी नहीं की गई. राज्य से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस मामले में कोई सहयोग नहीं किया है. प्रधानमंत्री उनसे बात तक नहीं कर रहे हैं.”

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष पारिश्रमिक दर (FRP) तय करे. लेकिन, MSP में बढ़ोतरी किए बिना यह दर किसानों के लिए लाभकारी नहीं बन सकती. राज्य और केंद्र- दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे गन्ना उत्पादकों की मदद करें.”

मिल मालिकों ने उठाई ये मांग

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चीनी मिलों से बेची जा रही बिजली पर प्रति यूनिट 60 पैसे का टैक्स लगाने के प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. वहीं, बैठक में मौजूद शुगर फैक्ट्री मालिक मुरुगेश निराणी ने कहा कि गन्ना किसानों की समस्याएं हर सरकार में बनी रही हैं.

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में चीनी मिलों से खरीदी गई बिजली के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान किया जाता है, जबकि कर्नाटक में अब तक पॉवर परचेज एग्रीमेंट (PPA) का नवीनीकरण नहीं किया गया है. उधर, राज्यभर में गन्ना किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बेलगावी में आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार को राज्य मंत्री शिवानंद पाटिल की कार पर चप्पलें फेंकीं. यह घटना तब हुई जब वे विरोध स्थल से निकल रहे थे. 

किसानों के आंदोलन का 8वां दिन

बता दें कि आंदोलन आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है और किसानों ने पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध कर दिया है. किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें गन्ने के प्रति टन 3,500 रुपये का भाव दिया जाए. किसानों का कहना है कि बढ़ती लागत और बिजली दरों के बीच उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जबकि केंद्र सरकार लगातार MSP और एथनॉल दरें बढ़ाने से परहेज कर रही है. राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि वह किसानों की समस्याओं पर केंद्र से फिर बात करेगी, लेकिन फिलहाल गन्ना किसानों का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है. (एएनआई)

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