प्राकृत‍िक खेती को लेकर मिशन मोड में योगी सरकार, जानिए क्या है किसानों के लिए विजन डॉक्यूमेंट

प्राकृत‍िक खेती को लेकर मिशन मोड में योगी सरकार, जानिए क्या है किसानों के लिए विजन डॉक्यूमेंट

Natural Farming: कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 75 जनपदों एवं 318 विकास खण्डों में 1886 क्लस्टरों का गठन किया जा चुका है. अब तक 3772 कृषि सखी/सीआरपी का चयन और प्रशिक्षण हुआ है. क्लस्टर स्तर पर 1886 जागरूकता कार्यक्रम और 318 ओरिएन्टेशन कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए हैं.

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प्राकृत‍िक खेती को लेकर मिशन मोड में योगी सरकार, जानिए क्या है किसानों के लिए विजन डॉक्यूमेंट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्राकृत‍िक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत योजना पर काम कर रही है. इसी क्रम में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधानभवन स्थित कार्यालय में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, नियमित निरीक्षण किया जाए. शाही ने निर्देश दिए कि लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए. दरअसल, उप्र में मिट्टी में भारी धातुओं की मात्रा बढ़ती जा रही है. इसलिए किसानों को रसायन, पेस्टीसाइड के बिना खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

कृषि मंत्री शाही ने किसानों से की यह अपील

कृषि मंत्री शाही ने कहा कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरता और जल संरक्षण सुनिश्चित होगा तथा किसानों को जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त होगी. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण और संसाधन केंद्रों का लाभ उठाकर प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपने खेतों में लागू करें.

अब तक1,886 क्लस्टर का हुआ गठन 

उधर, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम है, इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाए. कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 75 जनपदों एवं 318 विकास खण्डों में 1886 क्लस्टरों का गठन किया जा चुका है. अब तक 3772 कृषि सखी/सीआरपी का चयन और प्रशिक्षण हुआ है. क्लस्टर स्तर पर 1886 जागरूकता कार्यक्रम और 318 ओरिएन्टेशन कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए हैं.

किसानों से लिए गए 82 हजार से अधिक मृदा नमूने

वहीं मिशन के अंतर्गत 2.20 लाख कृषक प्रशिक्षित हो चुके हैं. किसानों से 82 हजार से अधिक मृदा नमूने लिए गए हैं. साथ ही 38 स्थानीय प्राकृतिक खेती संस्थान (LNFI) से 38 मॉडल फार्म विकसित किए गए हैं तथा 199 वैज्ञानिक, फार्मर मास्टर ट्रेनर एवं 120 विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है. हाल ही में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में वैज्ञानिकों एवं फार्मर मास्टर ट्रेनरों का विशेष प्रशिक्षण आयोजित हुआ.

विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश 

इस बैठक में कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में टीश्यू कल्चर लैब, ऑडिटोरियम, इनक्यूबेशन सेंटर, ऑर्गेनिक लैब तथा अन्य निर्माण प्रस्तावों की प्रगति पर चर्चा की गई. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने होंगे.

किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर फोकस

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय को अपना आगामी वर्षों का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे आने वाले समय में किस दिशा में अनुसंधान करेंगे और उसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को कैसे मिलेगा. कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी अधिकारियों एवं कुलपतियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालयों की शोध परियोजनाएं व्यवहारिक हों और उनका परिणाम किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने व उनकी लागत घटाने में मददगार हो.

इन क्षेत्रों में हो रही प्राकृत‍िक खेती

बता दें कि बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट पहले से ही प्राकृत‍िक खेती की जा रही है. अब सरकार की योजना हर जिले में दो 'बायो इनपुट रिसर्च सेंटर' बनाने की है. इस योजना पर दो साल में 2500 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.

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