Lok Sabha Election Result UP: 2004 में यूपी ने वाजपेयी को 'ठगा' तो 20 साल बाद मोदी को!  

Lok Sabha Election Result UP: 2004 में यूपी ने वाजपेयी को 'ठगा' तो 20 साल बाद मोदी को!  

4 जून को जो नतीजे आए उसमें एक बार फिर यूपी ने बीजेपी को झटका दिया है. 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में साल 2014 और 2019 में बीजेपी का प्रदर्शन हैरान करने वाला था. इस राज्‍य की वजह से पार्टी सबसे बड़े राजनीतिक दल के तौर पर उभरी और वोटों के लिहाज से उसने इतिहास रच रख दिया था. साल 2004 में जब आम चुनाव हुए तो उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार न बनने देने में यूपी को दोष दिया गया था.

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Lok Sabha Election Result UP: 2004 में यूपी ने वाजपेयी को 'ठगा' तो 20 साल बाद मोदी को!  एक बार फिर यूपी से बीजेपी को लगा झटका

18वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आ गए. ये नतीजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए मायूसी लेकर आए. बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन बहुमत में तो आया लेकिन पार्टी का प्रदर्शन उम्‍मीदों के विपरीत रहा. पार्टी अकेले दम पर 272 का आंकड़ा छूने में भी नाकामयाब भी नहीं हो सकी. ऐसे में जो लोग पिछले कई दशकों से भारत की राजनीति पर नजर रखते आ रहे हैं, उन्‍हें वह समय याद आ गया जब साल 2004 में आम चुनाव हुए थे और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. उस समय भी पार्टी का प्रदर्शन कुछ इसी तरह का था और उसे सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तर प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था.  

2004 में मिली थीं 10 सीटें 

4 जून को जो नतीजे आए उसमें एक बार फिर यूपी ने बीजेपी को झटका दिया है. 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में साल 2014 और 2019 में बीजेपी का प्रदर्शन हैरान करने वाला था. इस राज्‍य की वजह से पार्टी सबसे बड़े राजनीतिक दल के तौर पर उभरी और वोटों के लिहाज से उसने इतिहास रच रख दिया था. साल 2004 में जब आम चुनाव हुए तो उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार न बनने देने में यूपी को दोष दिया गया था. हालांकि तब बीजेपी इस राज्‍य में सिर्फ 10 सीटें ही जीत सकी थी. उस समय भी समाजवादी पार्टी (एसपी) ने यूपी में अपना वर्चस्‍व कायम किया था. 2004 के चुनावों में एसपी को 35 और बहुजन समाज पार्टी (बीसपी) को 19 सीटें मिली थीं. 

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27 जीती हुई सीटों पर हार 

इस बार बीजेपी यूपी के झटके के बावजूद बीजेपी सहयोगियों के साथ सरकार बनाने की स्थिति में है.  बीजेपी ने यूपी में 2019 के चुनाव में जो 62 सीटें जीती थीं, उनमें से 27 पर उसे हार का सामना करना पड़ा है. इन सीटों पर एसपी के उम्मीदवार विजेता बनकर उभरे. एसपी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है. अपनी सीटें हारने वाली प्रमुख हस्तियों में अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, ​​खीरी से केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और सुल्तानपुर से मेनका गांधी शामिल हैं. लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने राष्‍ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ गठबंधन किया. सीट बंटवारे की योजना के तहत उसे बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटें दीं. फिलहाल बागपत में आरएलडी उम्मीदवार राजकुमार सांगवान आगे चल रहे हैं. यह सीट बीजेपी ने साल 2019 में जीती थी.  

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अयोध्‍या में मिला सबसे बड़ा झटका 

बीजेपी को सबसे तगड़ा फैजाबाद सीट से लगा है. फैजाबाद सीट को अयोध्या सीट के नाम से जाना जाता है. फैजाबाद सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को 48104 वोट से हरा दिया. अयोध्या राम मंदिर निर्माण के मुद्दा बीजेपी के चुनाव-प्रचार का अहम हिस्सा था. बीजेपी ने यहां से लल्लू सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्‍हें तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा था. कहा जा रहा है कि किसी नए चेहरे को ना उतरना ही बीजेपी को यहां भारी पड़ गया. सूत्रों की मानें तो लल्लू सिंह के खिलाफ स्थानीय लोगों को नाराजगी का अंदाजा पार्टी नहीं लगा पाई. नतीजतन बीजेपी को प्रतिष्ठित सीट गंवानी पड़ी.  


 
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