धान खरीद प्रक्रिया में देरी समेत कई तरह की दिक्कतों को लेकर नाराज किसानों ने आज 13 अक्तूबर को आंदोलन का ऐलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसानों की समस्याओं और मुद्दों के हल की मांग करते हुए दोपहर 3 बजे तक राज्य स्तरीय चक्का जाम करेंगे. इस दौरान वह चंडीगढ़ समेत राज्यभर के मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित करेंगे. समस्याओं के हल को लेकर किसान संगठन, चावल मिलर्स, व्यापार मंडल और मजदूर संघों के साथ सोमवार को बैठक करने और बड़ी घोषणा करने की उम्मीद जताई है. किसान नेताओं ने कहा कि अगर दिक्कतें दूर न की गईं तो यह आंदोलन व्यापक रूप ले लेगा.
पंजाब, हरियाणा समेत ज्यादातर राज्यों में धान की सरकारी खरीद की जा रही है. पंजाब में धान खरीद में कथित देरी को लेकर किसानों में नाराजगी है. इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को बैठक में कहा कि 13 अक्टूबर (रविवार) को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक राज्यभर में यातायात बाधित किया जाएगा. ताकि, शासन-प्रशासन के कानों तक आवाज पहुंचाई जा सके.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और राइस मिलर्स एसोसिएशन की बैठक में कहा गया कि राज्य में अभी तक धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. राज्य सरकार किसानों की धान खरीद को लेकर गंभीर नहीं है. एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सड़क परिवहन को बाधित करने का फैसला किया है. उन्होंने दावा किया कि पंजाब सरकार की ओर से धान खरीद के वादों के बावजूद, जमीन पर कोई प्रगति नहीं देखी जा सकी. राजेवाल ने कहा कि कहा कि सड़क नाकाबंदी में पंजाब भर की प्रमुख सड़कें और राजमार्ग शामिल होंगे, जिससे दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक यातायात बाधित रहेगा.
पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि अनाज मंडियों में धान की खरीद रुक गई है, क्योंकि जगह रखने के लिए जगह कम है. अधिकांश चावल मिलर्स अभी भी स्टॉक लेने के लिए सहमत नहीं हुए हैं, जिससे खरीदे गए धान का उठाव रुक गया है. इसका असर आढ़तियों और किसानों पर पड़ रहा है. किसान और पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से भी मुलाकात की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार अगले दो दिनों में गतिरोध का समाधान खोजने की कोशिश करेगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के साथ ही बैठक में आढ़तियों (कमीशन एजेंट) और चावल मिल मालिक, व्यापार मंडल और मजदूर संघ भी शामिल रहे और आंदोलन को सहमति दी. किसान नेताओं ने कहा कि रविवार के विरोध प्रदर्शन के बाद अगर शासन प्रशासन नहीं जागा तो सोमवार को फिर से आगे की रणनीति के लिए किसानों, आढ़तियों और चावल शेलर के अलावा व्यापार मंडल और मजदूर संघों सहित सभी संगठनों की बैठक होगी.
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